सुबह श्री महाकाल ने भी रखा कृष्ण स्वरूप, सांदीपनि आश्रम में नींबू और भुट्टे से श्रृंगार, गोपाल मंदिर में आधी रात को उमड़े श्रद्धालु
उज्जैन, अग्निपथ। भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन में जन्माष्टमी का पर्व दो दिन तक मनाया गया। बुधवार आधी रात में अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र होने से महाकाल मंदिर, सांदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर में श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। वहीं गुरुवार को शहर में दिनभर जन्माष्टमी उत्सव की धूम रही।
सांदीपनि आश्रम और गोपाल मंदिर पर आकर्षक साज-सज्जा की गई। दोनों मंदिर रंग बिरंगी रोशनी से नहा उठे। यहां दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी और भजन-कीर्तन का दौर चलता रहा।
द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पर उमड़ी भक्तों की भीड़
उज्जैन के श्री द्वारकाधीश गोपाल मंदिर पर भी दर्शन के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े। बुधवार शाम छह बजे से भगवान श्री द्वारकाधीश का पंचामृत अभिषेक पूजन करने के बाद अलौकिक शृंगार किया गया। मध्य रात्रि में भगवान की आरती के बाद जमकर आतिशबाजी की गई। इस बार दर्शनार्थियों की सुविधा के लिए मंदिर के बाहर एलईडी स्क्रीन भी लगाई गई।
महाकाल मंदिर में संध्या आरती के पहले बाल गोपाल का पूजन किया
श्री महाकालेश्वर मंदिर में भी बुधवार को जन्माष्टमी मनाई गई। महाकाल मंदिर में संध्या आरती के पहले मंदिर के पुजारियों ने मंदिर के नैवेद्य कक्ष में भगवान बाल गोपाल की पूजा-अर्चना कर भोग अर्पित किया। वहीं मंदिर परिसर में स्थित श्री साक्षी गोपाल मंदिर में भी श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया।
सांदीपनि आश्रम में रात में मना जन्मोत्सव
भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली सांदीपनि आश्रम में भी श्रद्धा और उत्साह से श्रीकृष्ण जन्मोत्सव मनाया गया। मंदिर की साज-सज्जा इस बार भुट्टे और नींबू से की गई है। मंदिर के पुजारी पंडित रुपम व्यास ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की पाठशाला में शैव मत के अनुसार जन्माष्टमी मनाने की परंपरा है। आश्रम की महिला मंडल की तैयार की गई मखमल की पोशाक भगवान को धारण कराई गई। अभिषेक पूजन के बाद मध्य रात्रि 12 बजे जन्म आरती की गई। गुरुवार सुबह भगवान लड्डू गोपाल को पालना में झुलाया गया। दिनभर पंजीरी प्रसाद का वितरण किया गया।
इस्कॉन में सुबह से शुरू हो गया महोत्सव, दर्शन को उमड़े भक्त
इस्कॉन मंदिर में गुरुवार को सुबह से ही भक्तों का तांता दर्शन के लिए लगा है। मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया गया। सुबह भगवान का पूजन-अभिषेक के बाद से ही भक्तों के दर्शन का सिलसिला शुरू हो गया। मंदिर परिसर में लड्डू गोपाल के लिए झूला लगाया गया था। मंदिर आने वाले भक्तों ने अपने हाथ से झूला देकर भगवान को झुलाया।
यहां पर दिनभर दर्शन होंगे। रात्रि में 12 बजे भगवान की आरती की गई। इस्कॉन मंदिर के पीआरओ राघव पंडित दास ने बताया कि में इस बार जन्माष्टमी पर मंदिर में 6 सितंबर की शाम को अधिवास से शुभारंभ हुआ है। शाम 5 बजे कृष्ण व्यंजन महोत्सव, 5.40 पर सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। प्रात: 4.30 बजे मंगल आरती से जन्माष्टमी उत्सव आरम्भ हुआ है। प्रात: 7.05 पर कृष्ण जन्म कथा तथा 8.05 पर गुरुपूजा एवं दर्शन आरती हुई। रात्रि 8 बजे भगवान श्री कृष्ण की लीला पर आधारित सांस्कृतिक कार्यक्रम रात्रि 10.30 बजे एक आरती के पश्चात रात्रि 12 बजे महाआरती की गई। इ
स्कॉन के संस्थापक आचार्य श्रील प्रभुपाद के जीवन पर आधारित एक प्रदर्शनी के साथ ही राधा-कृष्ण और भोलेनाथ की झांकी लगाई गई है। मंदिर में सतत कीर्तन और आने वाले भक्तों को फरियाली प्रसादी का वितरण किया जा रहा है। इसके अलावा फ्रीगंज क्षेत्र के अन्य श्री कृष्ण मंदिरों में भी जन्माष्टमी पर्व की धूम मची है।