पुलिस ने चार दिन में सुलझाई हत्याकांड की गुत्थी
उज्जैन, अग्निपथ। थाना चिमनगंज मंडी क्षेत्र अंतर्गत स्थित छोटी मायापुरी कॉलोनी में 4 सितंबर को एक मकान में लाश पड़ी होने की सूचना मिली थी। लाश पुरानी होने से सड़ चुकी थी। पुलिस ने लाश का पोस्टमार्टम कराया था। लाश के गले में निशान मिले थे। पुलिस ने मामले की गुत्थी सुलझाने के लिए टीम गठित की थी। टीम ने हत्या की गुत्थी सुलझाकर आरोपी को गिरफ्तार भी कर लिया है।
पुलिस कंट्रोल रूम पर पत्रकार वार्ता में एएसपी जयंत राठौर ने बताया कि मृतक जितेन्द्र रायकवार का शव मिलने के बाद इसे हत्या मानकर जांच के लिए पुलिस टीम गठित की थी। पुलिस ने मृतक जितेन्द्र रायकवार के परिजनों से पूछताछ करने के साथ ही उसके दोस्तों व उसके साथ काम करने वालों से जानकारी ली।
पुलिस को जानकारी मिली कि वह जुलाई माह से मोबाइल फोन का इस्तेमाल नही कर रहा है। मृतक छोटी मायापुरी वाले घर पर अकेला रहता था और इंदिरा कॉलोनी झुग्गी झोपड़ी में उसके परिवार एवं माता-पिता अलग रहते थे। मृतक की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गले में धारदार हथियार से काटने के निशान मिले थे।
सीसीटीवी फुटेज से मिला सुराग
पुलिस टीम को सीसीटीवी फुटेज से जानकारी मिली थी कि 30 अगस्त को मृतक जितेंद्र रायकवार को चामुंडा माता चौराहा पर एक व्यक्ति के साथ घूमता हुआ देखा गया। इस अज्ञात व्यक्ति के साथ मृतक ई-रिक्शा में बैठकर अपने घर छोटी मायापुरी जाते हुए दिखाई दिया।
मृतक के साथ फुटेज में दिखाई दिया व्यक्ति शिव शक्ति नगर निवासी राजेश परमार था। जानकारी मिली कि राजेश नशे का आदी और अपराधिक प्रवृत्ति का है। पुलिस टीम जब राजेश को तलाश करते हुए उसके घर पहुंची तो वहां पर ताला लगा मिला। जानकारी मिली थी कि राजेश 151 के प्रकरण में खाचरोद उपजेल में बंद है। 9 सितंबर को राजेश के जेल से रिहा होते ही पुलिस ने हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उसने अपराध स्वीकार कर लिया।
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में इनकी भूमिका रही
हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए एसपी सचिन शर्मा ने सीएसपी सुमित अग्रवाल व थाना प्रभारी आनंद तिवारी के नेतृत्व में टीम का गठन किया था। टीम में उप निरीक्षक राजाराम चौहान, नीतेश मिठोरा, सउनि श्रवण भदौरिया, प्रधान आरक्षक दिनेश बेस, आशुतोष नागर, शैलेश योगी, सैनिक चंदन एवं साइबर सेल प्रभारी प्रतीक यादव, प्रेम समरवाल, महेश जाट शामिल थे।
आरी से गला काटकर की हत्या
पुलिस द्वारा की गई पूछताछ में आरोपी राजेश ने बताया कि 30 अगस्त को वह को मृतक जितेन्द्र रायकवार को चामुंडा माता चौराहे पर मिला तथा मृतक के साथ उसके घर गया था। जहां पर खाना बनाने की बात को लेकर राजेश और मृतक जितेंद्र के बीच विवाद हुआ था।
विवाद के दौरान ही आरोपी राजेश ने घर में पड़ी हुई लकड़ी काटने की आरी को उठाकर मृतक जितेंद्र रायकवार के गले पर मार दिया था जिसके कारण उसकी मौत हुई थी। इसके बाद आरोपी घर में ताला लगाकर भाग गया था। आरोपी राजेश ने घर से भागने के पहले घटना को चोरी का रूप देने के लिए घर का सामान अस्त-व्यस्त कर दिया था।