उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित सावन महोत्सव का शनिवार 09 सितम्बर को समापन हो गया। आखिरी दिन कार्यक्रम में शास्त्रीय गायन, वादन और नृत्य की रसवर्षा से नटराज श्री महाकालेश्वर की आराधना की गई। पहली प्रस्तुति श्री शौनक अभिषेकी के शास्त्रीय गायन की हुई।
श्री शौनक अभिषेकी के शास्त्रीय ध्रुपद गायन का प्रारम्भ राग झिंझोटी में विलंबित-मध्य – द्रूत की बंदिशो से किया। उसके बद प्रस्तुति का समापन भजन से किया। आपके साथ तबला संगत पर रामेंद्र सोलंकी, हारमोनियम पर अभेद अभिषेकी व सह गायन पर राज शाह ने संगत की। द्वितीय प्रस्तुति मुम्बई के श्री ज्ञानेश्वर सावंत के पखावज वादन की हुई।
श्री सावंत ने प्रस्तुति का प्रारंभ आदिताल कुँदव सिंह महाराज के ठेका, कुँदव सिंह घराने के वरिष्ठ कलाकारों की परने-बंदिशे, पार्वती दुर्गा स्तुति के पश्चात शिव स्तुति मे रेला तिहाई से प्रस्तुति का समापन किया। श्री ज्ञानेश्वर सावंत के हार्मोनियम लेहरा पर स्वानंद दातार सहायक पखावज पर वैभव मेस्त्री व तानपुरा पर घनश्याम भाई पटेल ने संगत की।
श्रावण महोत्सव-2023 जिसका नाम शिव संभवम था, उसकी दसवीं संध्या की अंतिम प्रस्तुति उज्जैन की डॉ. पूनम व्यास के निर्देशन में संस्था मृदंगाचार्य पं.रामदास कला संगम के समूह कथक नृत्य की हुई। प्रस्तुति का प्रारंभ नटराज वंदना जय देव नटराज से किया।
दूसरी प्रस्तुति प्रभु श्रीराम द्वारा लंका विजय के पूर्व श्री रामेश्वर पूजन की कथा को जब राम धुन टंकरयो से प्रस्तुत किया । प्रस्तुति का समापन वर्षा ऋतु पर आधारित बंदिश घन-घुमड़ घिर आई बदरिया से किया। कार्यक्रम में हारमोनियम व गायन पर श्री चंद्रशेखर व्यास, पखावज पर ज्ञानेश्वर सावंत, तबला पर विनायक शर्मा, तानपुरा पर घनश्याम भाई पटेल ने संगत की।
कार्यक्रम के प्रारंभ में मुख्य अतिथि जिला पंचायत सीईओ अजयदेव शर्मा, व समिति सदस्य राजेन्द्र शर्मा गुरुजी द्वारा श्री महाकालेश्वर भगवान के समक्ष दीप-प्रज्जवलन कर किया गया। इस दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबन्ध समिति द्वारा संचालित श्री महाकालेश्वर वैदिक प्रशिक्षण एवं शोध संस्थान के बटुकों द्वारा स्वस्ति वाचन किया गया। मंच संचालन दयाशंकर सूर्यवंशी द्वारा किया गया। आभार सहायक प्रशासनिक अधिकारी श्री आर.के.तिवारी द्वारा किया गया।