- एक फरवरी को था जन्मदिन, छोटी बहनें जन्मदिन मनाने की कर रहीं थीं तैयारी
उज्जैन विशाखापट्टनम में पदस्थ नेवी सबमरीन भास्कर पांडेय का एक फरवरी को जन्मदिन था। इस बार वह 30 साल के हो जाते। परिवार के लोग जन्मदिन की खुशियां मनाने की तैयारी में जुटे थे लेकिन उससे पहले ही 19 जनवरी को भास्कर का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया। गुरुवार देर रात उनका शव उज्जैन लाया गया। शव के आते ही घर में कोहराम मच गया। शुक्रवार सुबह राजकीय सम्मान के साथ सेना के ट्रक में उनकी अंतिम यात्रा निकली। चक्रतीर्थ घाट पर उनका अंतिम संस्कार हुआ।
आठ जनवरी को तबीयत बिगड़ी और 19 को निधन
भास्कर के भाई जीवन ने बताया कि आठ जनवरी को भइया की तबीयत बिगड़ने की खबर आई थी। उसी समय मैं, मम्मी-पापा और छोटी बहन विशाखापट्टनम पहुंच गए थे। वहां नेवी के कमांड हॉस्पिटल में इलाज चल रहा था। 19 जनवरी की सुबह तबीयत बिगड़ने लगी और सुबह 10 बजे सांसें थम गईं।
नेवी में स्पेशल सर्विसेज में सबमरीन थे भास्कर
परिजनों ने बताया कि भास्कर पांडेय नेवी में स्पेशल सर्विसेज में सबमरीन थे। वर्ष 2012 को उन्होंने नेवी ज्वाइन की थी। पहली पोस्टिंग पोर्ट ब्लेयर में हुई। उसके बाद मुंबई, कोच्चि, गोवा में पोस्ट हुए। भास्कर अविवाहित थे। भास्कर कि पिता नंदावल्लभ पांडे उज्जैन आबकारी विभाग में अकाउंटेंट हैं।
एक फरवरी को था जन्मदिन
परिजनों ने बताया कि भास्कर का एक फरवरी को जन्मदिन था। भास्कर अविवाहित थे। छोटी बहनें उनके जन्मदिन को धूमधाम से मनाने की तैयारी में जुटी थीं। इससे पहले निधन की खबर मिलते ही घर में मातम पसर गया।
लाइफ स्टाइल बदलने से अब कम उम्र में भी आता है अटैक
वरिष्ठ ह्दय रोग विशेषज्ञ डॉ विमल गर्ग का कहना है कि आज के दौर में लाइफ स्टाइल और दिनचर्या बदलने से कम उम्र में भी लोगों को हार्ट अटैक हो रहा है। कम उम्र में आने वाला अटैक ज्यादा घातक होता है। उसमें रिकवरी का चांस बहुत कम होता है। ब्लडप्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल के बढ़ने से भी कम उम्र में हार्ट अटैक की संभावना होती है। इन सबके अतिरिक्त हार्ट अटैक का मूल कारण वंशानुगत होता है। इससे भी संभावना अधिक होती है। अधिक ठंड वाले स्थान में रहने पर धमनियों में खून जम जाता है, जिससे हार्ट खून का पंप नहीं कर पाता है और फेल हो जाता है। डॉ गर्ग का कहना है कि दिनचर्या में बदलाव करके हार्ट अटैक की संभावनाओं को कम किया जा सकता है।