उज्जैन, अग्निपथ। जिंदगी में एक दूसरे के जैसा होना आवश्यक नहीं है बल्कि एक दूसरे के लिए होना आवश्यक है। इस बात को ही हमें जानकर, अपनी बड़ी सी जिंदगी में संजीदगी के साथ इस जहां में रहना है और हमें अपने अमूल्य जीवन को किसी भी बात पर किसी के लिए भी दाव पर नहीं लगाना है । चाहे वह करियर की बात हो चाहे वह हमारे अपनों की अपेक्षा हो, चाहे वह प्रेम हो। हमें इन सब में आनंद ढूंढना है जीवन में हमेशा आगे बढऩा है, सकारात्मक भाव से प्रेम करें, जिम्मेदारी से जीवन जिए, आत्महत्या नहीं करें।
यह बात जोशी शिक्षाविद डॉ. पांखुरी वक्त ने राज्य आनंद संस्थान की उज्जैन इकाई टीम द्वारा किए जा रहे विश्व आत्महत्या निषेध दिवस के कार्यक्रम में मुख्यवक्ता के रूप में कही। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि देवाशीष विश्वास कार्यक्रम समन्वयक राज्य आनंद संस्थान भोपाल थे। उन्होंने जिंदगी को कामयाब होने के लिए नहीं बल्कि काबिल बनने के लिए प्रेरणा दी।
विशिष्ट अतिथि, आनंद विभाग प्रभारी विजय खांडेकर जी ने कहा कि, माता-पिता को भी बच्चों पर ज्यादा दबाव नहीं देना चाहिए, उनके कॅरियर के लिए उन्हें स्वतंत्र छोड़ देना ज्यादा अच्छा होता है। कार्यक्रम का संचालन कर रहे स्वामी मुस्कुराके ने सकारात्मक तरीके से जीवन जीने के लिए तीन फैक्ट्रियां बताई, उन्होंने कहा कि दिमाग के लिए कूल फैक्ट्री, जुबान के लिए शुगर फैक्ट्री और दिल के लिए सेटिस्फेक्ट्री होना बहुत जरूरी है। इन तीनों के साथ मिलकर कोई भी युवक अपने जिंदगी को नए आयाम तक पहुंचा सकता है।
कार्यक्रम संयोजक और जिला आनंद विभाग के समन्वयक डॉ. प्रवीण जोशी ने जिंदगी को लेकर सबसे सरल तरीका बताया कि किसी भी समस्या के आने पर उसे 24 घंटे के लिए छोड़ दें, अकेले ना रहे और अपने साथ ऐसा कोई व्यक्ति रखें जो आपके लिए सकारात्मक सोच की प्रेरणा बनकर आए ।
अध्यक्षता कर रहे इंजीनियरिंग कॉलेज के डीन डॉ. अंजनी कुमार द्विवेदी ने रामचरितमानस और आध्यात्मिक साधनों के साथ अपने आत्मविश्वास को और बढ़ाने की बात कही । आनंद विभाग के मास्टर ट्रेनर डॉ. स्वामीनाथ पांडे ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि, आनंद विभाग इसी प्रकार के कार्यक्रमों की प्रेरणा देता है और साथ ही सकारात्मक जीवन के सभी पहलू पर कैसे अपने आप को परखा जाए इसके लिए अल्पविराम और अन्य टूल्स बताता है। आयोजन का शुभारंभ आनंदम सहयोगी डॉ. अनामिका सोनी की प्रार्थना से किया गया।
कार्यक्रम में उज्जैन जिले के प्रमुख आनंदम सहयोगी और दल के प्रमुख राजेश शर्मा, रंजना मालवीय, जितेंद्र मालवीय, सर्वेश सिसौदिया, पी. एल. डाबरे, अमृता चतुर्वेदी, दीपक सोनी, ममता पांचाल, डॉ. तनु दुबे, डॉ. मधु गुप्ता, पीयूष आचार्य, सीमा सिसौदिया, अनिल शुक्ला, गोपाल महाकाल, आकाश शुक्ला, विजयेंद्र अरोण्या उपस्थित थे।