अजा मोर्चा जिलाध्यक्ष पुष्पा चौहान ने हटाया था महामंत्री विक्रम परमार को पद से
उज्जैन, अग्निपथ। अजा मोर्चा के महामंत्री विक्रम परमार को पद से हटाए जाने को लेकर विवाद गहरा गया है। अब अजा मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा चौहान और भाजपा जिलाध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला आमने-सामने हो गया है। पुष्पा चौहान परमार को तत्काल पद दिए जाने के खिलाफ बताई जाती है। वहीं बोरमुंडला ने परमार को पदाधिकारी बनाए जाने का आश्वासन दे दिया है। इससे दोनों के बीच नया मोर्चा खुल गया है। भाजपा के अन्य नेता भी बोरमुंडला के आश्वासन के खिलाफ मैदान में आ गए हैं। उनका तर्क है कि चौहान पर आरोप लगाने वाले को इस तरह से उपकृत करने से पार्टी में गलत संदेश जाएगा। इस तरह के विवाद आगे सामने आने से अन्य नेताओं को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
इधर अजा मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा चौहान कह चुकी हैं कि उनके खिलाफ आरोप निष्क्रिय पदाधिकारी को हटाए जाने की वजह से लगाए गए थे। बाद में खुद ही विक्रम परमार आरोप से मुकर गया था। अब इस तरह के पदाधिकारियों को फिर से पद देने का आश्वासन देना या पद देना भी पार्टी के हित में नहीं है।
एक पदाधिकारी जो पार्टी की छवि को खराब कर चुका है। उसे फिर से पद देकर उपकृत करने का मतलब है कि संगठन उसके सामने झुक रहा है। इसलिए ऐसे कार्यकर्ता को किसी भी कीमत पर पद नहीं दिया जाना चाहिए। ताकि संगठन के नाम का दुरुपयोग करके विरोध करने वाले कार्यकर्ता को पता चले की अपनी समस्या या बात रखने के लिए पार्टी के नेता या पार्टी का मंच ही महत्वपूर्ण हैं। सार्वजनिक रूप से आरोप लगाने से पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले के खिलाफ पार्टी सख्त है।
क्या है मामला
अजा मोर्चा की जिलाध्यक्ष पुष्पा चौहान ने अपनी कार्यकारिणी के महामंत्री विक्रम परमार को पद से हटा दिया था। इसके बाद विक्रम परमार ने प्रेसवार्ता लेकर पुष्पा चौहान पर पचास हजार रुपए लेकर प्रमोशन कराने का आरोप लगाते हुए कहा कि पैसे उनके सामने टावर चौक पर दिए गए थे। दस महीने होने के बाद भी उसका प्रमोशन नहीं होने से शर्मा परेशान हो रहा है। पैसे मांगने पर नहीं दिए जा रहे हैं।
इस आरोप को लगाते समय सेवा सहकारी समिति का प्रबंधक शर्मा भी सामने आया था। उसका कहना था कि विक्रम परमार के सामने पैसे दिए गए थे। दूसरे दिन फिर विक्रम परमार ने पत्रकारवार्ता ली और दावा किया कि जो आरोप उसने लगाए थे, वह गलत हैं। पुष्पा चौहान के खिलाफ उसने जो भी आरोप लगाए थे, वे पद से हटाए जाने के कारण मानसिक रूप से परेशान होने की वजह से किसी के बहकावे में आकर लगाए थे।
अब विक्रम को बहकाने वाले पर संगठन करेगा कार्रवाई
बताया जाता है कि संगठन की चुनाव के पूर्व छवि खराब करने को लेकर विक्रम को वरिष्ठ नेताओं की फटकार तो लगी ही। साथ ही उससे उस नेता का नाम भी पूछा गया है, जिसने उसे प्रेस कांफ्रेंस करके पुष्पा चौहान के खिलाफ आरोप लगाने के लिए बहकाया था। दावा किया जा रहा है कि विक्रम परमार ने उस व्यक्ति का नाम संगठन को बता दिया है। अब संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों को उस व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। ताकि आने वाले चुनाव के दौरान कोई अन्य पदाधिकारी इस तरह की गतिविधि को अंजाम देकर संगठन को बदनाम न कर पाए।
पार्टी में विवाद होते रहते हैं। पार्टी को सभी तरह के नेताओं और कार्यकर्ताओं की जरूरत होती है। इसलिए विक्रम परमार को पद देने का आश्वासन दिया है। पुष्पा चौहान और विक्रम परमार के बीच विवाद गलत फहमी की वजह से हुआ था। वह दूर हो चुका है। इसलिए अब उन्हें पद देने का आश्वासन दिया गया है। -बहादुर सिंह बोरमुंडला, भाजपा जिलाध्यक्ष ग्रामीण उज्जैन