नलखेड़ा, अग्निपथ। स्थानीय शिक्षा विभाग अपनी करतूतो के चलते सुर्खियों में बना हुआ है। हाल में एक मामले में संकुल प्राचार्य द्वारा 2 वर्षों से अधिकांश समय स्कूल से गायब शिक्षक का वेतन स्वार्थ पूर्ति के चलते निकाल लिया गया है। सूत्रों के अनुसार नलखेड़ा तहसील क्षेत्र के ग्राम रिंडोली के माध्यमिक विद्यालय में पदस्थ प्रभारी प्रधानाध्यापक बापूलाल सूर्यवंशी 2 वर्षों से अधिकांश दिनों में स्कूल से अनुपस्थित रहे। इसके बावजूद उनका वेतन शासकीय हायर सेकंडरी स्कूल पीलवास के संकुल प्राचार्य गिरीराज पाटीदार निकाल रहे हैं।
जबकि उक्त शिक्षक अधिकांश समय स्कूल से गायब रहता है। यही नहीं उक्त शिक्षक की उपस्थिति भी संबंधित शिक्षकों द्वारा नहीं दी गई है उसके बाद भी संकुल प्राचार्य द्वारा सारे नियम कानून कायदों की धज्जियां उड़ाते हुए वेतन निकल दिया है।
क्या है वेतन निकालने के नियम
किसी शिक्षक का वेतन निकालने के लिए उसे विद्यालय के प्रभारी द्वारा उपस्थिति दी जाती है। उसके पश्चात जन शिक्षक द्वारा उपस्थिति का कलेक्शन किया जाता है। उसके बाद ही संकुल प्राचार्य द्वारा वेतन आहरण किया जाता है।
अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में
माध्यमिक विद्यालय रिंडोली में बीआरसी एवं जन शिक्षक द्वारा भी निरीक्षण किया जाता है लेकिन निरीक्षण के दौरान भी उक्त शिक्षक गायब रहता है इसके बाद भी अधिकारियों द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जाती है मात्र रस्म अदायगी के लिए नोटिस जारी कर दिया जाता है। इस प्रकार निरीक्षण करने वाले अधिकारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है।
कई विद्यालयों में हो रही इस प्रकार की अनियमितताएं
विकासखंड क्षेत्र के ग्राम रिंडोली का माध्यमिक विद्यालय ही नहीं ऐसे कई शासकीय विद्यालय है जहां के शिक्षक शिक्षिकाएं अधिकांश समय विद्यालय से अनुपस्थित रहते हैं लेकिन उसके बाद भी अधिकारियों की मिली भगत से उनका वेतनमान हर माह निकलता है अगर जिले में बैठे अधिकारी निष्पक्षता से हर विद्यालय की जांच पड़ताल करते हैं तो चौकन्ने वाले परिणाम सामने आएंगे।
इस संबंध में जिला शिक्षा अधिकारी राम गोपाल शर्मा से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि आपके द्वारा मामले की जानकारी मिली है मैं मामले को दिखाता हूं।
वही नलखेड़ा बीआरसी वि_ल प्रसाद बंसिया से चर्चा की गई तो उन्होंने बताया कि संबंधित शिक्षक का पंचनामा बनाकर नोटिस जारी किया गया है।