गर्भगृह खुलेगा, सिर्फ सोलाधारियों को प्रवेश

श्री महाकालेश्वर प्रबंध समिति के निर्णय : मंगलवार को उज्जैन वासियों को मिलेगी नि:शुल्क भस्मारती दर्शन अनुमति

उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह दर्शन जल्दी ही खुलेंगे, लेकिन सिफ सोलाधारियों को ही प्रवेश मिलेगा। समिति का मानना है कि गर्भगृह में प्रवेश के लिए ड्रेस कोड का अनुसरण होना चाहिए, ताकि गर्भगृह की पवित्रता और गरिमा बनी रहे।

गुरुवार को श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक श्री महाकाल महालोक कंट्रोल रूम में हुई। अध्यक्षता मंदिर समिति अध्यक्ष कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम ने की। शाम 6 बजे शुरू हुई बैठक करीब एक घंटा से अधिक चली। मंदिर समिति से मिली जानकारी के मुताबिक बैठक में श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह प्रवेश शीघ्र खोलने पर सहमति जताई गई। श्री महाकालेश्वर मंदिर में गर्भगृह प्रवेश प्रारम्भ होने के पूर्व ड्रेसकोड लागू करने पर विचार किया गया। कलेक्टर ने बताया कि दर्शनार्थियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए इतने लोगों को गर्भगृह में प्रवेश करवाना संभव नहीं है। इस कारण अगले कुछ दिनों में समिति तय करेगी कि किन लोगों को गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दी जाये। इसमें सभी को ड्रेस कोड का पालन करना जरूरी रहेगा। ताकि गर्भगृह की पवित्रता और गरिमा कायम रहे। गर्भगृह प्रवेश व्यवस्था इस तरह होगी कि बेरिकेड्स या नंदी हाल से दर्शन में किसी को परेशानी नहीं हो। बैठक में महापौर मुकेश टटवाल, महानिर्वाणी अखाड़ा के महंत विनीत गिरी जी, एसपी सचिन शर्मा, पुजारी प्रदीप गुरु, राजेन्द्र शर्मा (गुरू), श्री राम शर्मा आदि मौजूद थे।

महाकाल अब किसके, ड्रेसकोड ने डाला उलझन में

अग्निपथ तत्काल
– हरिओम राय

श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति ने गुरुवार को तय किया है कि गर्भगृह में प्रवेश अब सिर्फ ड्रेसकोड (सोला-धोती व महिलाओं को साड़ी) धारी को ही मिलेगा। इस व्यवस्था से कई सवाल खड़े हो गये। पहले भी ड्रेस कोड का पालन वीवीआईपी, वीआईपी या फिर शीघ्रदर्शन रसीदधारी ही करते आये हैं। आम दर्शनार्थी तो हमेशा साधारण वेशभूषा में ही बाबा महाकाल को जल अर्पण करने पहुंचा हैं। गुरुवार को प्रबंध समिति की बैठक में गर्भगृह प्रवेश को लेकर जिस तरह से भूमिका बनाकर ड्रेसकोड की बंदिश लगाई गई है, उससे साफ संकेत मिल रहा है कि अब गर्भगृह में प्रवेश आम दर्शनार्थियों के लिए मुश्किल होगा। सावन के पहले सप्ताह के चार दिन मंगलवार से शुक्रवार तक दोपहर में तीन घंटे आम दर्शनार्थियों को गर्भगृह में जाकर भगवान महाकाल को स्पर्श कर दर्शन करने वाली सुविधा थी। अब ड्रेस कोड की बंदिशों के बीच यह व्यवस्था समाप्त होती नजर आ रही है। अगर ऐसा होता है तो सिर्फ वीआईपी और धन्नासेठ ही महाकाल भगवान तक पहुंच पायेंगे। आम आदमी 150 फीट दूर बेरिकेड्स से बाबा ही झलक पाने के लिए कशमकश करता रहेगा।

महापौर की पहल पर उज्जैनवासियों को एक और सौगात

समिति सदस्य महापौर मुकेश टटवाल की पहल पर उज्जैनवासियों को एक और सौगात मिली है। कलेक्टर ने बताया कि महापौर के सुझाव पर उज्जैन शहरवासियों को सप्ताह में 1 दिन मंगलवार को नि:शुल्क भस्मार्ती दर्शन अनुमति की व्यवस्था रहेगी। तकरीबन 300 लोगों को यह अनुमति जारी होगी। हम आपको बता दें कि महापौर की पहल पर ही पूर्व में उज्जैनवासियों को दर्शन के लिए अवंतिका द्वार बन चुका है। जहां से आधार कार्ड दिखाकर उज्जैनवासियों को प्रवेश मिलता है।

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