आज इंदौर में जांच कमेटी अफसरों के दिए तथ्यों की जांच करेगी
उज्जैन, अग्निपथ। शिप्रा नदी उद्गम के बाद 4 से 5 किलोमीटर तक अतिक्रमण नदी का कोई अस्तित्व ही नहीं दिख रहा किंतु इंदौर कलेक्टर की रिपोर्ट में नदी में कोई अतिक्रमण नहीं है ऐसा बताया है। इस विषय की भी जांच होगी। मंदिर शिप्रा मंदिर उद्गम स्थल है वहां से ग्राम सोनवाया एवं शिप्रा कुंड के बीच अतिक्रमण हुआ है।
एनजीटी की तरफ से नियुक्त एडवोकेट हासिल जैन एवं सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारियों इस तथ्य की करेंगे। यह जानकारी देते हुए एनजीटी में शिप्रा नर्मदा की याचिका दायर करने वाले सचिन दवे ने बताया कि जांच कल कोर्ट कमिश्नर द्वारा इंदौर कलेक्ट्रेट कार्यालय में 10 बजे जिले के प्रमुख अधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई है, जिसमें इस विषय को लेकर चर्चा होगी। वहां से यह लोग जांच दल सभी बिंदुओं की जांच करेगा।
बैठक में निम्न अधिकारियों को बुलाया है
वन मंडल अधिकारी इंदौर, क्षेत्रीय अधिकारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, सहायक संचालक मत्स्य उद्योग इंदौर, प्रभारी अधिकारी धर्मस्य विभाग इंदौर, इंदौर मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अनुविभागी उपसंचालक कृषि विभाग , किसान कल्याण, विभागआयुक्त नगर पालिका निगम, कार्यपालन यंत्री जल संसाधन विभाग, मु य नगर पालिका अधिकारी नगर परिषद सांवेर, शिप्रा प्रदूषण को लेकर प्रदेश के चारों जिलों इंदौर, उज्जैन, देवास और रतलाम में सेंट्रल की कमेटी कर रही है।
अलग-अलग जिले के लिए बनी कमेटी
इस दौरान परीक्षण याचिका करता सचिन दवे, राहुल कुमार एडवोकेट सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी एवं डीएम उज्जैन, इंदौर के लिए जो कमेटी बनी है उसमें एडवोकेट हासिल जैन, सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी एवं इंदौर कलेक्टर हैं। देवास के लिए जो कमेटी बनी है उसमें एडवोकेट तरुण कुमार सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी एवं देवास कलेक्टर रहेंगे। रतलाम के लिए जो कमेटी बनी उसमें आशीष सिंह सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के अधिकारी एवं रतलाम कलेक्टर रहेंगे। इन सबको अपनी रिपोर्ट अगली 4 अक्टूबर को होने वाली सुनवाई में एनजीटी में प्रस्तुत करना है।