कलेक्टर ने वीडियो आने पर की कार्रवाई, सफाईकर्मी महिला नौकरी से बाहर
उज्जैन, अग्निपथ। जिला अस्पताल की स्टाफ नर्स इतनी निरंकुश हो गई हैं कि वह खुद काम करने की जगह सफाईकमियों से बाटल-इंजेक्शन लगवा रही हैं। ऐसा ही एक मामला शुक्रवार को उस समय सामने आया जब अस्पताल के अधिकारियों के पास एक मिनट 45 सेकेंड का एक वीडियो सामने आया। जिसमें नर्स की उपस्थिति में सफाईकर्मी महिला युवती को इंजेक्शन लगा रही है। मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर ने स्टाफ नर्स को सस्पेंड कर दिया है। वहीं सफाईकर्मी महिला को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
जिला अस्पताल के डीवीडी वार्ड में उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर प्रितिका पिता सुरेश नवाड़े 20 वर्ष को भर्ती कराया गया था। उसके पिता की उपस्थिति में गुरुवार की रात को स्टाफ नर्स ममता बुराडे की मौजूदगी में सफाई महिला कर्मचारी दीपमाला बाई ने ही इंजेक्शन लगा दिया। इस दौरान किसी ने इसका वीडियो बना लिया और जिला अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों को शुक्रवार की शाम को प्रेषित कर दिया।
वीडियो के वायरल होने के बाद अस्पताल के अधिकारियों ने कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के संज्ञान में मामला लाया। जिसपर स्टाफ नर्स ममता बुराडे को सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं सफाईकर्मी महिला कर्मचारी दीपमाला बाई को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
दादागिरी कर डराती हैं स्टाफ नर्सें
यह कोई पहला मामला नहीं है। जिला अस्पताल की पुरानी स्टाफ नर्सों का मरीज और उनके परिजनों पर खौफ बना रहता है। उनकी डांट-दपट नहीं सुनो तो उनको उचित उपचार से वंचित कर दिया जाता है। कई स्टाफ नर्सों का तो व्यवहार अच्छा है, लेकिन कई नर्सें तो अमानवीयता की सारी हदें पार कर रही हैं। इन पर अंकुश की दरकार है। अब नर्स ममता की विभागीय जांच बैठेगी। इसमें उसका उत्तर सही नहीं पाया जाता है तो फाल्ट मानते हुए उसको नौकरी से भी बाहर किया जा सकता है।
अस्पताल के अधिकारियों के संज्ञान में मामला आया था। उन्होंने कलेक्टर महोदय को मामले से अवगत कराया था। -डॉ. नितराज गौड़, आरएमओ जिला अस्पताल