नाराज नपाकर्मी पहुंचे थाने, शिकायती आवेदन सौंपा
धार, अग्निपथ। नगर पालिका कार्यालय में पदस्थ इंजीनियर के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। मारपीट की घटना के बाद कर्मचारी लामबंद हो गए और कामकाज बंद कर दिया। नपाकर्मी काम बंद कर कार्यालय के बाहर नारेबाजी करने लगे। साथ ही शहर में सफाई और पेयजल सप्लाय भी बंद कर दिया। इसके बाद कर्मचारी नारेबाजी करते हुए कोतवाली पहुंचे और कार्रवाई के लिए आवेदन सौंपा।
शुक्रवार को नपा कार्यालय में पार्षद प्रतिनिधि अजय ठाकुर और इंजीनियर नीरज गुप्ता के बीच वार्ड में जाली लगाने को लेकर हुए विवाद हो गया। आरोप है कि ठाकुर ने इंजीनियर के साथ मारपीट तक की। नपा कार्यालय में इंजीनियर गुप्ता से विवाद और मारपीट की सूचना मिलने के बाद सारे कर्मचारी नपा कार्यालय में एकत्रित हो गए थे।
लामबंद होकर कर्मचारियों ने नारेबाजी शुरू कर दी। बताया जा रहा है कि इस दौरान शहर की सफाई भी रोक दी गई। साथ ही शहर में हो रहे पेयजल सप्लाय को भी बंद कर दिया गया। इस तरह कुछ घंटे के लिए व्यवस्था प्रभावित रही। कर्मचारी संघ के बैनरतले कर्मचारियों ने थाना परिसर में बैठकर भी काफी देर नारेबाजी की। नपा इंजीनियर नीरज गुप्ता का कहना है कि शुक्रवार दोपहर में पार्षद पति अजय ठाकुर लोनिवि चैंबर में आए।
उनका प्रश्न था कि जाली को लेकर क्या हुआ। उनके वार्ड में तीन जगह जाली लगाई जाना है। इस पर दो स्थानों पर जाली लगाने के लिए मैंने तीन-चार दिन में काम करवाने की बात कही थी। जबकि एक जाली का काम बड़ा होने के कारण उसमें समय लगने की बात बताई तो पार्षद प्रतिनिधि भडक़ गए और कुर्सी से खड़े होकर अभद्रता करने लगे। उन्हें ऐसा करने से रोका तो उन्होंने मारपीट की। थाने में आवेदन दिया है।
जनहित के लिए था आवेदन
इस मामले में कांग्रेस नेता व पार्षद प्रतिनिधि अजयसिंह ठाकुर का कहना है कि वार्ड में जाली लगाने के लिए नपा में आवेदन दिया था। आवेदन को 2-3 माह हो चुका है। कार्यादेश का बहाना बनाकर काम नहीं किया जा रहा था। जब मैं पार्षदों के साथ नपा ऑफिस पहुंचा तो काम बड़ा होने की बात कहते हुए इंजीनियर ने प्रकरण पीआईसी में रखने की बात कहते हुए बहस शुरू कर दी। साथ ही पार्षदों के साथ भी अभद्रता की गई। ठाकुर ने कहा कि उन्होंने इंजीनियर से मारपीट नहीं की। मेरे साथ पार्षद ईश्वर ठाकुर, पार्षद प्रतिनिधि मनीष कन्नौज, बरसात सिसौदिया भी मौजूद थे। हमारे द्वारा भी आवेदन दिया जा रहा है। जनहित के लिए मैंने आवेदन किया था।