अधिकारी ने कोर्ट से मांगा 21 सितंबर तक का समय
सुसनेर, अग्निपथ। कुंडालिया बांध के लिए जमीन अधिग्रहण मामले में सुसनेर अपर जिला न्यायाधीश कोर्ट के आदेश पर 2 करोड़ से अधिक की वसूली के लिए कोर्ट का 1 कुर्की दल सुसनेर अनुविभागीय कार्यालय की कुर्की करने पहुँच गया। जब दल कुर्की करने के लिए अनुविभागीय कार्यालय और उसकी सामग्री की लिस्ट बना रहा था उसी दौरान सुसनेर अनुविभागीय अधिकारी किरण बरबड़े अपर जिला न्यायाधीश की कोर्ट में उपस्थित हुई और उन्होंने न्यायाधीश से राशि जमा करने के लिए 21 सितंबर तक का समय मांगा।
दरअसल, कुंडालिया बांध के लिए भू-अधिग्रहण के तहत 2 किसानों रामकुंवर पत्नी बनेसिंह और गिरिराज पिता बनेसिंह निवासी ग्राम गोठड़ा तह नलखेड़ा को सुसनेर राजस्व विभाग द्वारा डूब में आई भूमि पर लगे फलदार वृक्षों का मुआवजा आंकलन क्रमश: 21 लाख 30 हजार रुपए व 20 लाख 44 हजार रुपए किया गया था।
पीडि़त किसानों ने इस आदेश के खिलाफ अपर जिला न्यायधीश सुसनेर की कोर्ट में वकील देवेंद्रसिंह चौहान के माध्यम से वाद दायर कर फलदार वृक्षों का मुआवजा शासन की 2 अप्रैल 2017 की गाइड लाइन से देने का निवेदन किया था। अपर जिला न्यायाधीश ने पीडि़त किसानों के वकील के तर्कों से सहमत होते हुए 14 सितंबर 2021 को एक आदेश पारित कर अनुविभागीय अधिकारी सुसनेर और कार्यपालन यंत्री कुंडालिया बांध को पीडि़त किसानों को उक्त गाइड लाइन के हिसाब से उद्यान विभाग द्वारा गठित दल द्वारा की गई गणना के अनुसार क्रमश: 88 लाख 31 हजार एवं 43 लाख 98 हजार रु देने एवं साथ ही पीडि़त किसानो की शेष बची राशि पर भूमि अधिग्रहण दिनांक से 1 वर्ष तक 9 प्रतिशत प्रतिवर्ष का ब्याज और उसके बाद 15 प्रतिशत प्रतिवर्ष का ब्याज देने हेतु आदेशित किया था।
इस आदेश के खिलाफ सुसनेर अनुविभागीय अधिकारी और कार्यपालन यंत्री कुंडालिया बांध द्वारा इंदौर हाइकोर्ट बेंच में अपील की गई। हाइकोर्ट ने भी 6 फरवरी 2023 को किसानों के पक्ष में फैसला देते हुए अनुविभागीय अधिकारी आदि की इस अपील को खारिज कर दिया। सुप्रीम कोर्ट से भी शासन की अपील निरस्त हो गई थी।