जीवाजीगंज में पदस्थ किया, अवकाश के चलते चार दिन बाद पहुंचा आदेश
उज्जैन, अग्निपथ। जिला चिकित्सालय के डीवीडी वार्ड में महिला मरीज को सफाईकर्मी से इंजेक्शन लगवाने वाली नर्सिंग आफिसर को दूसरे दिन वीडियो प्रकाश में आने के बाद कलेक्टर ने संज्ञान लेते हुए मौखिक आदेश पर सस्पेंड तो कर दिया था, लेकिन उसका आदेश 18 सितम्बर को जारी किया है। जिसमें उसका तबादला कर दिया गया है।
बारिश और लगातार अवकाश के चलते यह आदेश 18 सितम्बर को पहुंचा है। कलेक्टर द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि 14 सितम्बर को जिला चिकित्सालय में उपचार रत महिला प्रीतिका पिता सुरेश नवाड़े 20 वर्ष के उपचार के दौरान के वीडियो में आऊटसोर्स सफाईकर्मी दीपमाला द्वारा श्रीमती ममता बुवाडे नर्सिंग आफिसर की उपस्थिति में उपचाररत महिला को इंजेक्शन लगाये जाने के संबंध में वीडियो वायरल हुआ है।
वीडियो क्लिप में 1 मिनट 25 सेकेंड पर उक्त घटनाक्रम स्पष्ट रूप से परिलक्षित है। श्रीमती ममता बुवाडे नर्सिंग आफिसर जिला चिकित्सालय का उक्त कृत्य मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम 3 (1) के (एक) (दो)(तीन) के विपरीत होकर कदाचरण की श्रेणी में आता है।
श्रीमती ममता बुराडे नर्सिंग आफिसर को मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण एवं अपील) नियम, 1966 के नियम 9 (1) (क) के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय सिविल हास्पीटल से जीवाजीगंज नियत किया जाता है। निलंबन अवधि में इन्हें नियमानुसार निर्वाह भत्ते की पात्रता रहेगी। यह आदेश तत्काल प्रभावशील होगा।
वीडियो जिसने भी देखा हतप्रभ रह गया
इंजेक्शन लगाने यह वीडियो सामने से बनाया गया था। जिसमें दिखाया जा रहा था कि नर्सिंग आफिसर ममता बुवाड़े खुद खड़े होकर सफाईकर्मी महिला दीपमाला से बोतल और इंजेक्शन लगवा रही है। यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद दूसरे दिन 15 सितम्बर को जिला अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारियों के पास पहुंचा था।
इसके बाद अधिकारियों द्वारा इस वीडियो को कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम को भेजा गया था। इसी दिन शाम को कलेक्टर ने नर्सिंग आफिसर ममता बुवाड़े को सस्पेंड कर दिया था। इस वीडियो को जिसने भी देखा वह नर्सिंग आफिसर के इस कृत्य से हतप्रभ रह गया था। किसी ने सोचा भी नहीं था कि जिला चिकित्सालय में इस प्रकार नर्स द्वारा अपने काम में लापरवाही बरती जाती है, जोकि मरीज की जान से खिलवाड़ साबित होती।