पेटलावद, अग्निपथ। शासकीय महावीर महाविद्यालय परिसर में छात्राओं के लिए तकरीबन तीन करोड़ की लागत से एक भवन का निर्माण हो रहा है जिसका कार्य अभी पूर्ण नही हुआ है और इस भवन को बताया जाता है की निर्माण एजेंसी ठेकेदार द्वारा कॉलेज प्रशासन को हैंड ओवर भी नहीं किया है। जिसका रविवार को मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव ने लोकार्पण कर दिया है। जिस अपूर्ण भवन का उच्च शिक्षा मंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा लोकार्पण किया गया है, उस भवन की छत से अभी से पानी टपक रहा है जिससे सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि भवन निर्माण में कितनी क्वालिटी का काम हुआ है।
पेटलावद के महावीर महाविद्यालय में लगभग 3500 छात्र -छात्राएं नियमित अध्ययनरत है। जिन्हे पढ़ाने वाले 9 नियमित प्रोफेसर है और 9 अतिथि शिक्षक है। आखिर मंत्री द्वारा भवन के लोकार्पण में इतनी जल्दी क्यों की गई है जो या तो मंत्री जी या मंत्री के साथ में फोटो खिंचवाने वाले भाजपाई ही बता सकते है।
सूत्रों की माने तो साइंस विषय के छात्रों के लिए यह भवन तैयार हो रहा है। जिन्हे इस बात की जानकारी लगेगी की अपूर्ण भवन का लोकार्पण हो गया है तो वो क्या सोचेंगे और आखिर क्या कारण है की इस लोकार्पण कार्यक्रम से भाजपा की विधानसभा प्रत्याशी और सांसद को क्यों दूर रखा गया है।
मंत्री साहब इस महाविद्यालय में अधिकतर गरीब परिवार के छात्र — छात्राए पढ़ाई करते है जिनके लिए वर्षों से एक स्थाई प्राचार्य तक नही है और ओसत 194 छात्रों पर एक शिक्षक है तो पढ़ाई का स्तर अंदाजा सहज ही लगाया जा सकता है। मंत्री महोदय के साथ लोकार्पण कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष प्रवीण सुराणा , जिला महामंत्री कृष्णपाल सिंह गंगाखेड़ी , पिछड़ा मोर्चा जिलाध्यक्ष सोनू विश्वकर्मा , हेमंत भट्ट आदि सहित कई कार्यकर्ता पदाधिकारी उपस्थित हुए ने भी क्या मंत्री महोदय को इस बात से अवगत नही करवाया गया की भवन अभी अधूरा है।
निर्माण एजेंसी द्वारा भवन के निर्माण में किस तरह से गुणवत्ता का ध्यान रखा गया है जो बारिश ने उजागर कर ही दिया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार मंत्री महोदय ने जन आशीर्वाद यात्रा में शिरकत की थी जिनके द्वारा लगे हाथ समय निकाल कर शासकीय महावीर महाविद्यालय परिसर में अपूर्ण भवन का लोकार्पण भी कर दिया गया है। जिस भवन का लोकार्पण हुआ है उस भवन के निर्माण की गुणवत्ता की भी यदि ईमानदारी से जांच की जाए तो स्पष्ट हो जाएगा की इस भवन का भविष्य कैसा रहेगा। फिलहाल भवन का नामकरण तक नहीं हुआ है।