उज्जैन, अग्निपथ। लोक सेवा आयोग से चयनित जितने भी डॉक्टर्स आ रहे हैं, उनको जिला चिकित्सालय में ही पदस्थ किया जा रहा है। जबकि माधव नगर अस्पताल डॉक्टर्स की बेहद कमी से जूझ रहा है। इसकी बानगी एक आर्डर में देखी जा सकती है। एक डॉक्टर्स हाल ही में जिला चिकित्सालय में पदस्थ किये गये हैं, जबकि उनका आदेश माधव नगर अस्पताल का है। ऐसे में माधव नगर अस्पताल तीन चार डॉक्टर्स के भरोसे ही चल रहा है।
लोक सेवा आयोग से चयनित डॉ. शैलेंद्र चंदेला को सिविल सर्जन ने जिला चिकित्सालय में अटैच कर दिया है। जबकि उसका भोपाल से ऑर्डर माधव नगर का है। अब जिला चिकित्सालय में नवागत डॉक्टर्स की भीड़ लग रही है और माधव नगर अस्पताल डॉक्टर्स की कमी से जूझ रहा है। हाल ही में 15 सितम्बर को एक बांडेड डॉक्टर्स का कार्यकाल समाप्त हुआ है।
माधव नगर अस्पताल प्रभारी डॉ. एचपी सोनानिया 4 डॉक्टर्स की पदस्थी का मांगपत्र सीएमएचओ और सिविल सर्जन को भेज चुके हैं। इसके बावजूद सिविल सर्जन डॉ. पीएन वर्मा द्वारा इस तरह की व्यवस्थाएं कर स्वास्थ्य सुविधाओं से खिलवाड़ किया जा रहा है।
रोगी कल्याण समिति सदस्य भी कर चुके मांग
डॉक्टर्स की कमी को देखते हुए माधव नगर अस्पताल रोगी कल्याण समिति सदस्य अभय विश्वकर्मा भी सिविल सर्जन से कई बार 5 डॉक्टर्स को पदस्थ करने का मांगपत्र भेज चुके हैं। लेकिन मजाल है कि उनके कानों पर जूं रेंगी हो। भले से ही दूसरे अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधाएं खराब हों, लेकिन जिला अस्पताल की व्यवस्था ठीक और सुचारू रूप से चल सके, इसलिये यहां पर नवागत डॉक्टर्स की फौज तैयार की जा रही है। हाल ही में डेंटल विभाग में एकसाथ 10 डॉक्टर्स काम कर रहे थे। लेकिन दैनिक अग्निपथ में प्रकाशित खबर के बाद उनको माधव नगर और अन्यत्र काम पर लगा दिया गया था।