निगम आयुक्त बोले- मुझे बैठक लेकर सरकार के काम के लिए निर्देश देने पड़ रहे
– सरकार की छवि को खराब करने में लगे हैं बैंक के मैनेजर
उज्जैन। मप्र में चुनाव की आहट के चलते अफसरों का नजरिया बदलने लगा है। इसका उदाहरण प्रधानमंत्री स्व निधि योजना में देखने को सामने आ रहा है। निगम में बोर्ड भाजपा का है परन्तु वे लोगों को लोन नहीं दिला पा रहे हैं। प्रधानमंत्री की स्व निधि योजना के लिए आवेदन करने के बाद भी लोगों को लोन नहीं मिल पा रहे हैं। बैंक वाले लोन लेने वालों टरका देते हैं। बताया जाता है कि वे समय निकालने में लगे हुए हैं। ताकि चुनाव की घोषणा हो जाए और उन्हें लोन न देना पड़े।
बुधवार को नगर निगम में स्वनिधि योजना की समीक्षा के लिए बैंकर्स को बुलाया था। 75 बैंकर्स में से आधे से कम ही पहुंचे। जो पहुंचे उनमें भी ज्यादातर ऐसे कर्मचारी थे, जो केवल खानापूर्ति के लिए आए थे। उनके पास लोन देने के कोई अधिकार नहीं थे। निगम आयुक्त रौशन सिंह में समीक्षा के दौरान बैंकर्स को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि अधिकांश बैंकर्स लक्ष्य हासिल नहीं कर पाए हैं। अनेक बैंको ने बिना किसी उचित कारण के विभिन्न प्रकरण लौटा दिये हैं, जिसके कारण बड़ी सं या में हितग्राहियों को योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा हैै और शासन की मंशा के विपरीत सन्देश जा रहा है। स्व
निधि योजना के क्रम में बैंको के रिर्पोट कार्ड पर निगम आयुक्त श्री रौशन कुमार सिंह ने स त नाराजग़ी व्यक्त करते हुए कहा कि स्वनिधि योजना देश के प्रधानमंत्री की अति महत्वपूर्ण योजना है। प्रधानमंत्री जी गरीबों के उत्थान के लिये चिंतित हैं दिये गए लक्ष्य अनुसार हितग्राहियों को लाभ नहीं दिया जाना और बिना किसी कारण के प्रकरण लौटा दिये जाना निंदनीय है। बैठक में एलडीएम संदीप अग्रवाल, अपर आयुक्त आर.एस. मण्डलोई सहित विभिन्न बैंको के प्रतिनिधि और निगम अधिकारी स िमलित रहे।
इन बैंकों की लापरवाही सामने आई
बैंक आफ बड़ौदा, स्टेट बैंक आफ इण्डिया बुधवारिया, सेठी नगर, नागझिरी, यूको बैंक, यूनियन बैंक, एक्सिस बैंक, सेन्ट्रल बैंक, आईसीआईसीआई, आईडीबीआई बैंको द्वारा लक्ष्य अनुसार ऋण वितरण नही करने पर निगम आयुक्त ने नाराजगी व्यक्त की। आपने कहा कि आप ध्यान नहीं दे रहे हैं । सभी को दो दिन का समय दिया गया है। अगर इन दिनों में बैंकों ने काम नहीं किया तो उनके खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
नगर निगम में लग रही भीड़
नगर निगम में लोन के आवेदन के लिए भीड़ उमड़ रही है। भीड़ को देखते हुए तीन काउंटर बनाए गए है। इसके बाद भी भीड़ कम नहीं हो रही है। अंधेरे में भी महिलाएं आवेदन लेकर खड़ी रहती हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना अन्तर्गत स्ट्रीट वेण्डर्स को अपना रोजगार बेहतर ढंग से स्थापित करने के लिये क्रमबद्ध ऋण सहायता उपलब्ध कराई जाती है। पहले 10 हजार का ऋण दिया जाता है, यह जमा हो जाने पर 20 हजार तथा उसके पश्चात् 50 हजार की राशि उपलब्ध कराई जाती है।