बंद कमरे में मिली चार लाशें, प्रेमी के साथ बच्चों सहित लिव-इन में रह रही थी युवती
उज्जैन, अग्निपथ। लिव इन में रहने वाले युवक ने प्रेमिका और दो बच्चों की हत्या करने के बाद फांसी लगा ली। मामला गुरुवार दोपहर उस वक्त सामने आया जब दरवाजा तोड़ा गया। महिला और 2 बच्चों के शव जमीन पर पड़े थे। युवक फांसी के फंदे पर लटका था।
जीवाजीगंज थाना क्षेत्र के जानकीनगर में किराये से रहने वाले मनोज पिता मोहनसिंह राठौर (40) ने जब दोस्त गोलू का फोन नहीं उठाया तो गोलू दोपहर में मनोज के घर पहुंच गया। दरवाजा नहीं खुलने उसने आसपास के लोगों की मदद से दरवाजा तोड़ा तो अंदर के दृश्य देखकर सभी के हाथपैर फूल गये।
मनोज फंदे पर लटका था, प्रेमिका- बच्चे पड़े थे जमीन पर
कमरे के अंदर मनोज फंदे पर लटका था। उसके साथ लिव इन में रहने वाली ममता (35), उसका पुत्र लक्की (11) और पुत्री कनक (7) का शव जमीन पर पड़ा था। मनोज की मां अनुसुइय्या मौके पर पहुंची। जिसने पुलिस को बताया कि मनोज गढक़ालिका मार्ग पर खिलौने की दुकान लगाता था। मौसी सुमित्रा का कहना था कि कर्ज से भी परेशान था।
हत्या के बाद फांसी लगाकर की होगी आत्महत्या
एसपी सचिन शर्मा, टीआई राकेश भारती मौके पर पहुंचे। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि मनोज ने पहले गला घोंटकर ममता और दोनों बच्चों की हत्या की, उसके बाद फांसी लगाकर अपनी जान दी है। पुलिस को मौके से जहर की शीशी भी मिली है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है। परिजनों के बयान दर्ज किये जा रहे है। घटना सामने आने पर क्षेत्रवासियों की भीड़ जमा हो गई थी।
पांच साल से दोनों रह रहे थे साथ
मनोज ने 2 माह पहले मकान किराये से लिया था। वह जयसिंहपुरा का रहने वाला है। चार साल से लिव इन में ममता के रह रहा था। दोनों बच्चे ममता के पहले पति से है, पारिवारिक विवाद के चलते ममता ने पति को पांच साल पहले छोड़ दिया था। पुलिस ने शवों को जिला अस्पताल पहुंचाया है। शुक्रवार सुबह पोस्टमार्टम कराया जायेगा।
नागदा में रहता है ममता का परिवार
टीआई राकेश भारती ने बताया कि मृतिका ममता के परिजनों से संपर्क किया गया है। परिवार नागदा का रहने वाला है और काफी गरीब परिस्थिति का है। जिन्होने तत्काल आने से मना कर दिया था। देर शाम तक उज्जैन पहुंचने की बात कहीं है। ममता का विवाह भी नागदा में होना सामने आया है। लेकिन पति से विवाद के बाद वह कुछ साल पहले जयसिंहपुरा मनोज के घर के सामने रहने आ गई थी।
तीन घंटे बाद पहुंची एफएसएल टीम
शहर की एफएसएल अधिकारी का स्थानांतरण हो गया है। जांच के लिये देवास से एफएसएल टीम को बुलाया गया। जिस कारण अधिकारियों को आने में तीन घंटे से अधिक का समय लग गया। इस कारण करीब 3 घंटे तक शवों को कमरे से बाहर नहीं निकाला गया। दोपहर ढाई बजे के लगभग एफएसएल अधिकारियों के पहुंचने पर जांच शुरू की गई और शाम को शव जिला अस्पताल लाए गये।
एक मकान में चार शव होने की सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची थी। एफएसएल टीम को जांच के लिये बुलाया गया था। मृतको के पोस्टमार्टम और जांच के बाद ही मामले में आगे कुछ कहा जा सकता है।
-सुमित अग्रवाल सीएसपी, जीवाजीगंज