कलेक्टर के आने के बाद ही किसानों ने धरना समाप्त किया
उज्जैन, अग्निपथ। लेकोड़ा सेवा सहकारी समिति में 700 किसानों के खातों में गड़बड़ी का मामला आज फिर बढ़ गया। भारतीय किसान संघ ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक द्वारा दी गई सात दिन की समय सीमा समाप्त होने के बाद भी कोई जानकारी किसानों को नहीं दिए जाने से किसान भडक़ गए। वे रैली निकालकर कलेक्टोरेट पहुंचे और धरना देकर बैठ गए। करीब दो घंटे तक किसान धरना देकर बैठे रहे।
उनका कहना था कि कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम जब तक आकर मामले में हुई कार्रवाई की जानकारी नहीं देंगे। तब तक धरना चलता रहेगा। इसके लिए भले उन्हें रात तक बैठना पड़े। किसानों को समझाने के लिए एडीएम अनुकूल जैन, एसडीएम अंजना पाटीदार, जिला सहकारी बैंक के एमडी विशेष श्रीवास्तव, सहकारिता विभाग के उप आयुक्त ओपी गुप्ता और जांच अधिकारी मौके पर पहुंचे और समझाने की कोशिश करने लगे। परन्तु किसान समझने को तैयार ही नहीं हुए और नाराज होकर नारेबाजी करने लगे।
किसानों ने यहां तक कह दिया कि अगर उन्हें मामले की सही जानकारी नहीं दी जाती है तब वे धरना समाप्त नहीं करेंगे। करीब दो घंटे बाद कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम मौके पर पहुंचे और किसानों को समझाया कि उनके साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। मामला इतना बढ़ा है कि जांच में 10 दिन का समय लगेगा। सभी किसानों को दस दिन बाद वस्तु स्थिति से अवगत कराया जाएगा।
इस दौरान भारतीय किसान संघ के प्रदेश अध्यक्ष कमल सिंह आंजना, जिला प्रभारी भरत सिंह बैस, जिला अध्यक्ष दशरथ पांडे, भगवान सिंह सोलंकी, सुरेश चौधरी, ईश्वर सिंह राजपूत, मानसिंह चौधरी, मुकेश भंवरी, मुकेश हंसखेड़ी, विक्रम सिंह कुमारी, राधेश्याम बैरागी, मनोहर सिंह राजपूत आदि मौजूद थे।
किसानों ने कहा, पैसा वापिस नहीं मिला तो सीएम का घेराव करेंगे
लेकोड़ा सेवा सहकारी समिति के गबन मामले से नाराज किसानों ने प्रशासन को साफ शब्दों में चेतावनी दे दी है कि अगर उनका पैसा वापस नहीं मिला तो मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उज्जैन में घुसने नहीं दिया जाएगा। जहां भी वे सभा लेंगे,वहां जाकर किसान उनका घेराव करेंगे। प्रशासन के अफसर जांच कितनी कर लें। चाहे गबन करने वाले को गिर तार करें या उसकी संपत्ति नीलाम करें। उन्हें इससे कोई मतलब नहीं है। किसानों के खातों से जो पैसा निकाला गया है। उसका भुगतान किसानों को होना चाहिए।
एडीएम जैन पर भडक़ गए थे किसान
कलेक्टोरेट में धरना दे रहे किसानों को समझाने की कोशिश कर रहे किसान उनके यह कहते कि सबसे ज्यादा इलाके में वे ही घूमते हैं किसान भडक़ गए। किसानों का कहना था कि यह उनकी ड्यूटी है। वे घूमते हैं तो उन पर कोई एहसान नहीं करते हैं। इसके बाद एडीएम जैन पीछे हट गए थे। बाद में उन्होंने सहकारिता विभाग और जिला सहकारी बैंक के अफसरों का फटकार लगाई। इसके बाद किसान शांत हुए।
एमडी श्रीवास्ताव को जिले से बाहर भेजने की चेतावनी
आंदोलन कर रहे किसानों का कहना था कि लेकोडा सेवा सहकारी समिति गबन मामले में अफसर भी मिले हुए हैं। यहां तक कि उन्होंने जिला सहकारी बैंक के एमडी से मंच से ही कबूल करवाया कि उनका गबन करने वाले निशीकांत चौहान के सिर पर हाथ नहीं था और न ही वे उसे बचा रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि अगर किसानों को पैसा नहीं मिला तो वे उन्हें जिले से बाहर भिजवा देंगे।
जांच के लिए समिति का गठन कर दिया गया है। पांच एआर जांच कर रहे हैं। 10 दिन में जांच पूरी हो जाएगा। अभी निशिकांत चौहान की संपत्ति की डिटेल तैयार हो गई है। 210 किसानों के आवेदन मिल चुके हैं। इनके खातों की जांच कर रहे हैं। निशीकांत की संपत्ति कोई भी खरीद बेच नहीं सकेगा। उसकी गिर तारी हो चुकी है।
-विशेष श्रीवास्तव, एमडी जिला सहकारी बैंक उज्जैन
पूरे मामले की जांच के लिए समिति बनाई गई है। जांच 10 दिन में पूरी हो जाएगी। अभी कितना गबन हुआ है। यह सामने जांच के बाद ही आएगा।
-ओपी गुप्ता, उप आयुक्त सहकारिता विभाग उज्जैन