पार्टी के कहने पर कार्यकर्ताओं को लेकर पहुंचे थे पदाधिकारी
उज्जैन, अग्निपथ। महाकाल भक्त निवास और अन्य योजनाओं के लोकार्पण के लिए आयोजित कार्यक्रम में भाजपा पदाधिकारियों की फजीहत हुई। पुलिस ने उन्हें बैठक ले तय स्थान पर जाने से ही रोक दिया गया था। इसके चलते कई भाजपा नेताओं का पुलिस से विवाद हुआ। कई नेता बेइज्जती के डर से दूसरे स्थान से बैठने के लिए पहुंचे।
बताया जाता है कि पार्षदों और मंडल के पदाधिकारियों को सीएम के कार्यक्रम में कार्यकर्ता और पदाधिकारियों को लाने की जि मेदारी दी गई थी। देर रात तक वे कार्यकर्ताओं को फोन लगाकर कार्यक्रम स्थल तक लाए। परन्तु ऐन वक्त पर उन्हें ही बैठने के लिए पुलिस से भिडऩा पड़ा।
इनमें प्रमिला यादव, पार्षद कैलाश प्रजापत, परेश कुलकर्णी, हर्षवर्धन कुशवाह, सुशील वाडिया, प्रियंका सेंगर, राजुकमार वंशीवाल आदि पदाधिकारी शामिल थे। इन्होंने मोहन यादव जिंदाबाद और पुलिस प्रशासन मुर्दाबाद के नारे भी लगाए थे। मोहन यादव के पहुंचने के बाद मामला शांत हुआ और सभी को बैठने के जाने दिया गया।
प्रदीप पांडे मंच पर नहीं पहुंचे
मंच में बैठक व्यवस्था के लिए प्रदीप पांडे का नाम भी था। परन्तु वे मंच पर बैठने के लिए गए ही नहीं। बताया जाता है कि राजपाल सिसोदिया भी बगैर नाम देखे मंच पर सीट पर जाकर बैठ गए थे। इसकी वजह से जिस नेता की सीट थी, वह बैठ ही नहीं पाए।
महामंत्री राजोरिया का बयान चर्चा में
बताया जाता है कि जब भाजपा कार्यकर्ता पुलिस से भिड़ रहे थे। तब महामंत्री मंच पर पुलिस अफसरों से बतिया रहे थे। उनको जब बताया गया कि कई भाजपा पदाधिकारियों को पुलिस ने रोक दिया है तो उनका कहना था जो आ गए वे काफी हैं। इसकी जानकारी लगते ही भाजपा पदाधिकारी और नेताओं का कहना है कि जनादार विहिन राजोरिया आम कार्यकर्ताओं को हमेशा से उपेक्षा करते रहे हैं। वे कार्यकर्ताओं को फोन भी नहीं उठाते हैं। उनकी शिकायत प्रदेश के नेताओं से भी कई पदाधिकारी कर चुके हैं।