महिदपुर, (विजय चौधरी) अग्निपथ। विधानसभा चुनाव नजदीक आने के साथ ही महिदपुर में भी राजनीतिक पारा चढ़ता जा रहा है। मंगलवार तक भाजपा ने तीन सूची जारी कर 79 प्रत्याशियों की घोषणा कर दी है। तीनों सूची में महिदपुर विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी तय नहीं होने से दावेदारों की सांसे ऊपर-नीचे हो रही हैं। शहर की गलियों से लेकर गांव की चौपाल तक चर्चा का मुख्य विषय यही है कि आगामी चुनाव में महिदपुर से कौन होगा भाजपा प्रत्याशी? सूत्र बतला रहे हैं कि इस बार बदलाव की संभावना प्रबल है। पार्टी किसी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है।
इस चुनाव में प्रदेश में फिर से भाजपा की सरकार बनाना केंद्रीय नेतृत्व के लिए सबसे बड़ी चुनौती है। हालांकि विधानसभा प्रत्याशी चयन के पहले प्रदेश की चुनाव समिति की बनाई पैनल के बाद केंद्रीय चुनाव समिति प्रत्याशी के नाम पर अंतिम मोहर लगाती है। अभी तक भाजपा की जारी सूचियों पर नजर डालें तो मध्यप्रदेश में भी गुजरात फार्मूला लागू होता दिखाई दे रहा है। शेष सीटों पर भी भाजपा की ओर से कड़े एवं बड़े फैसले आने वाले हैं।
जहां तक महिदपुर विधानसभा की बात की जाए तो विधायक बहादुर सिंह चौहान को लंबे समय बाद मैदान में ही सीधी चुनौती दी जा रही है। श्री चौहान जिस तरह से अपने समाज का वोट बैंक बताकर अभी तक टिकट लेते आए हैं उसी समाज के जिला पंचायत सदस्य प्रताप सिंह आर्य ने मैदान पकडक़र वर्तमान विधायक के खिलाफ एक तरह से मोर्चा खोलकर अपनी प्रबल दावेदारी से भाजपा के शीर्ष नेतृत्व को भी महिदपुर के बारे में पुनर्विचार करने के लिए विवश कर दिया है।
पार्टी के सामने धर्म संकट यह भी है कि प्रत्याशी चयन के साथ विनिंग कैंडिडेट भी होना चाहिए। वहीं जिले के सामाजिक समीकरण का संतुलन भी बनाकर रखना है। ऐसी स्थिति में एक बात जो स्पष्ट उभर कर सामने आ रही है वह यह कि भाजपा विधायक बहादुर सिंह चौहान का टिकट खतरे में आ गया है।
महिदपुर के लिए सर्वमान्य उम्मीदवार तय करना पार्टी के लिए आसान नहीं है, फिर भी शीर्ष नेतृत्व महिदपुर के लिए बीच की लाइन पर विचार कर रहा है। ऐसी स्थिति में जिस तरह से नागदा-खाचरौद से भाजपा ने डॉ. तेज बहादुर सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाकर सभी को चौंका दिया। यदि इसी तर्ज पर पार्टी चली तो महिदपुर से भाजपा के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं प्रदेश कार्य समिति सदस्य मदन सांखला पार्टी की पहली पसंद हो सकते हैं। जो न केवल नया चेहरा होगा बल्कि भाजपा के सभी गुटों को साधने वाला, मातृसंस्था व अनुषांगिक संगठनों के लिए भी स्वीकार्य हो सकते हैं।
वैसे महिदपुर के लिए दावेदारों की लंबी सूची में प्रताप सिंह आर्य, भगवती जोशी, सुधीर मूणत, कैलाश गट्टानी के साथ ही भाजपा जिला अध्यक्ष बहादुर सिंह बोरमुंडला भी प्रयास कर रहे हैं। लेकिन मदन सांखला को लंबे समय से संगठन में सक्रियता एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री व केंद्रीय चुनाव समिति सदस्य डॉ. सत्यनारायण जटिया से अत्यधिक निकटता व जिले में सामाजिक संतुलन के साथ ही महिदपुर के लिए मिलनसार व्यक्तित्व की छवि का लाभ मिल सकता है।