कैमरे की नजर भी बेअसर

उज्जैन में बस चालकों की मनमानी चरम पर, महिला की मौत के बाद भी नहीं लग रहा अंकुश

उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन शहर में बस चालकों की मनमानी चरम पर है। हालात यह है कि एक बस चालक ने उज्जैन में कई बार यातायात नियमों को तोड़ा। स्मार्ट सिटी ने कैमरों की मदद से उसके 72 चालान काटे, जिसमें से 10 जमा भी किये गये। लेकिन आदत में बदलाव नहीं हुआ। ऐसे उद्दण्ड किस्म के बस चालकों के कारण पिछले महीने चामुण्डा माता चौराहे पर एक महिला को अपनी जान गंवानी पड़ी थी।

उज्जैन में ट्रैफिक नियम तोडऩे पर उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड (यूएससीएल) द्वारा कैमरे के फुटेज के मदद से चालानी कार्रवाई की जाती है। यह कैमरे शहर की प्रमुख सडक़ों पर लगाये गये हैं। जिस बस द्वारा शहर में बार-बार ट्रैफिक नियमों को तोड़ा जा रहा है वह इंदौर क्षेत्रीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में रजिस्टर्ड एमपी 09 एफए 8801 नंबर वाली बस है।

बस का 72 बार ई-चालान बनाया गया है फिर भी सुधार नहीं हुआ। 72 बार बने ई-चालान जमा न करने पर अब बस जब्त करने की कार्रवाई होना है। यूएससीएल के रिकार्ड के मुताबिक बस जब भी उज्जैन आई, चालक ने ट्रैफिक नियम तोड़ा। यूएससीएल के जिम्मेदारों का कहना है कि जब तक पूरी चालान राशि जमा नहीं की जाती मालिक न बस को बेच सकेगा, न उसका बीमा करवा सकेगा।

तीन साल में कैमरे की मदद से 1.35 लाख के बने चालान

ट्रैफिक नियम तोडऩे पर यूएससीएल ने बीते तीन वर्ष में एक लाख 35 हजार 530 लोगों का 500-500 रुपये का ई-चालान बनाया। इतनी बड़ी संख्या में ई-चालान बनना से पता चलता है कि लोगों में यातायात नियमों को लेकर जागरूक करने की जरुरत है। केवल 55 हजार 206 लोगों ने चालान राशि जमा की। शेष से चालान राशि वसूलने में यूएससीएल नाकाम रही। ट्रैफिक पुलिस ऐसे लोगों के वाहन भी जब्त न कर पाई। यही नहीं कई लोग तो ऐसे है जिनका 10 बार चालान काट चुका है। ऐसे लोगो की संख्या 349 है। जिनका 10 बार ई-चालान बना है।

शहर में एंट्री के सात मार्ग सहित 16 चौराहों पर लगे कैमरे रखते हैं नजर

यातायात व्यवस्था ठीक करने के लिए स्मार्ट सिटी योजना के तहत तीन साल पहले यूएससीएल ने 35 करोड़ रुपये खर्च कर कोठी रोड स्थित दफ्तर में इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आइटीएमएस) सिस्टम स्थापित किया था। शहर में प्रवेश के लिए बने सात मुख्य मार्गों सहित 16 प्रमुख चौराहों पर सीसीटीवी कैमरे, ट्रैफिक कंट्रोल के लिए सिग्नल,12 विभिन्न मार्गों पर वाहनों की गति जांचने के लिए स्पीड डिटेक्शन डिवाइस और 40 स्थानों पर एलईडी सूचना बोर्ड लगाए थे।

इस सिस्टम की बदौलत यूएससीएल और यातायात पुलिस की टीम न सिर्फ चौराहों का ट्रैफिक संचालन दुरुस्त रखती है बल्कि ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों का कैमरों की मदद से ई-चालान भी बनाती है। चालान की सूचना वाहन चालक को उसके मोबाइल नंबर पर एसएमएस, वाट्सएप मैसेज के माध्मय से और घर पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी जाती है।

समय-समय पर ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए शहर में जागरूकता कार्यक्रम भी होते आए हैं। लाइसेंस देने के नियम में भी सख्ती हुई है। इसके बावजूद शहर में ट्रैफिक नियम तोडऩे वालों की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। 2022 तक यूएससीएल जहां 250 से 300 ई-चालान काटती थी, वहीं अब 400 से 500 ई-चालान रोज काट रही है।

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