उज्जैन, अग्निपथ। पांच साल पहले हुई हत्या के मामले में तीन आरोपियों को न्यायालय ने मोबाइल की कॉल डिटेल, लोकेशन और मृतक का मोबाइल आरोपी के पास मिलने पर महत्वपूर्ण साक्ष्य मान आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
जिला अभियोजन अधिकारी राजेन्द्र खांडेगर ने बताया कि 14 मई 2018 को बदरखां बैरासिया में अभिषेक पिता कैलाश मालवीय की लाश बरामद की थी। जिसका सिर और चेहरा पत्थरों से कुचला गया था। अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर पुलिस ने घटनास्थल की मोबाइल लोकेशन टे्रस की थी जिसमें मृतक के मोबाइल की लोकेशन के साथ हत्या करने वालों की लोकेशन ट्रेस हुई थी। इस आधार पर पुलिस ने तेजस उर्फ जटा पिता बाबूलाल मिश्रा, राहुल पिता राजेश के साथ एक नाबालिग को गिर तार किया था। तेजस के पास से मृतक का मोबाइल भी बरामद हुआ था।
कॉल डिटेल खंगालने पर सामने आया था कि तेजस ने मृतक अभिषेक को कॉल कर बुलाया था। बदरखां बैरसिया पहुंचने पर पुराने विवाद में तेजस ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हत्या कर दी थी और मृतक का मोबाइल लेकर भाग निकले थे। मामले की विवेचना करने के बाद तत्कालीन एसआई विरेन्द्र बंदेवार ने अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया था।
पांच साल बाद बुधवार को अजा/अजजा विशेष न्यायाधीश सुनील कुमार ने मोबाइल कॉल डिटेल और लोकेशन को साक्ष्य मानते हुए तीनों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में शासन की ओर से ईश्वरसिंह केलकर विशेष लोक अभियोजक और सहायक जिला अभियोजन अधिकारी नितेश कृष्णन द्वारा की गई।