उज्जैन, अग्निपथ। भैरवगढ़ स्थित उदयनाथ अखाड़ा माँ पार्वती धाम में योगी महंत शीतलाईनाथ महाराज की समाधि पर शुक्रवार को नाथ संप्रदाय की परंपरा अनुसार तीये की रस्म हुई जिसके पश्चात उनकी शिष्या साध्वी समप्रिया को सर्वानुमति से एक वर्ष के लिए पूजन-अर्चन आदि व्यवस्था के लिए अखाड़े व आश्रम की जिम्मेदारी सौंपी गई।
एक वर्ष के बाद वार्षिक भंडारा होगा जिसमें आगे की व्यवस्था तय की जाएगी। तीये की रस्म भर्तृहरि गुफा के पीठाधीश्वर योगी पीर महंत श्री रामनाथ जी महाराज के सानिध्य में हुई। सर्वप्रथम योगी पीर श्री रामनाथ जी महाराज ने शीतलाईनाथ महाराज की समाधि धूप-ध्यान कर भोग अर्पित किया व नाथ संप्रदाय के एक साधु समाधि के पास ही बैठाकर प्रसाद खिलाया व वस्त्र, अनेक प्रकार की सामग्री, दक्षिणा आदि भेंट की।
इसके पश्चात नाथ संप्रदाय के अनेक साधु-संतों सहित उनकी शिष्या साध्वी समप्रिया ने भी भोग की रस्म की फिर साधु-संतों व मप्र एवं राजस्थान से आए महाराज के शिष्यों व भक्तों का भंडारा हुआ। इस अवसर पर प्रमुख रूप से दादूराम आश्रम के महामंडलेश्वर ज्ञानदास जी महाराज, आह्वान अखाड़े के महामंडलेश्वर स्वामी राम गिरि जी महाराज, योगी बालकनाथ जी, योगी महंत सक्ताईनाथ जी, योगी ज्ञाननाथ जी, महंत गोपाल गिरि, प्रदीपनाथ, योगी भावनाथ, योगी सुंदरनाथ सहित बड़ी संख्या में नाथ संप्रदाय के साधु-संत एवं गुर्जर समाज के लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।