दिल्ली में उज्जैन के कई दावेदारों ने डाल रखा है डेरा, भाजपा एक सूची आ सकती है
उज्जैन (राजेश रावत)। मप्र में विधानसभा चुनाव के रणभेरी बज चुकी है। जहां भाजपा जिले के चार विधानसभा के दावेदारों के नामों की घोषणा कर चुकी है। वहीं कांग्रेस से एक भी दावेदार के नाम पर मोहर नहीं लगी है। आज स्क्रीनिंग कमेटी दावेदारों के नाम पर फायनल विचार करेगी। इसके साथ ही संभावना जताई जा रही है कि 15 और 16 अक्टूबर तक कई दावेदारों के नाम की घोषणा हो सकती है।
मतलब अब अगले 72 घंटें कांग्रेस के कई नेताओं के भाग्य का पिटारा खोल सकते हैं और कई दावेदारों की राजनीतिक आकांक्षा आगामी सरकार बनने के बाद पूरी होने की संभावना है। दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक की सूचना के बाद पूरे जिले में कांग्रेस हाई अलर्ट पर हैं। कहीं भी किसी भी स्तर की कोई कोर कसर नहीं छोडऩा चाहता है। इसके चलते उज्जैन से कई कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली में पिछले एक सप्ताह से डेरा डाल रखा है।
वहीं कई नेता दिल्ली और भोपाल के चक्कर काटते रहे हैं। अब फायनल स्क्रीनिंग के चलते शुक्रवार का दिन कांग्रेस नेताओं के लिए बेहद अहम हो गया है। आज कमेटी के सदस्य जिन नामों पर मुहर लगाएंगे, उसे लिस्ट में शामिल करके नाम की घोषणा की जाएगी।
दावा किया जा रहा है कि इस बार कांग्रेस ने विधानसभा की टिकट के लिए पैरवी करने वाले वरिष्ठ नेताओं से सीट जिताने की जि मेदारी लेने की बात कही है। इससे कई नेता पीछे हट गए हैं। क्योंकि अगर वे जिस सीट के लिए टिकट मांग रहे हैं और वह सीट नहीं जीत पाए तो आने वाले समय में कांग्रेस आला कमान के सामने वे किसी अन्य समर्थक के लिए टिकट मांग नहीं पाएंगे, उनकी बात गंभीरता से सुनी नहीं जाएगी। इसलिए अब वरिष्ठ कांग्रेस नेता उसी सीट की जि मेदारी ले रहे हैं, जहां प्रत्याशी मजबूत है और उसकी छवि फाइट करने वाले नेता की है।
कमजोर दावेदारों के नाम से वे भी कन्नी काटने लगे हैं। उज्जैन में कांग्रेस से चेतन यादव, ठाकुर अजीत सिंह, राजेंद्र वशिष्ठ, माया त्रिवेदी, रवि राय, विक्की यादव, अनंत नारायण मीणा आदि नेता टिकट मांग रहे हैं।
मप्र के 17 नाम लौटाने से घबराहट बढ़ी
कांग्रेस नेताओं के बीच चर्चा है कि राहुल गांधी की टीम ने मप्र के जीतने वाले दावेदारों के जो नाम दिए थे और जो नाम स्क्रीनिंग कमेटी से पास होकर दिल्ली गए थे, वे अलग-अलग निकले। यानी दोनों ही टीमों के नाम मेल नहीं खा रहे थे इसलिए राहुल गांधी ने ऐसे प्रदेश के 17 नामों की लिस्ट को वापस भेज दिया है।
इन नाम पर चर्चा फिर से करने के लिए कहा गया है। यह खबर स्थानीय प्रत्याशियों को भी लगी है। इससे उनकी घबराहट बढ़ गई है। वहीं जिन दावेदारों को आशंका थी कि उनके नाम स्क्रीनिंग कमेटी से नहीं गए है और वे चुनाव जीतने की स्थिति में हैं। उनमें खुशी की लहर दौड़ गई है। वे फिर से सक्रिय होकर अपने नेताओं के माध्यम से दावेदारी करने लगे हैं। हालांकि उनकी मेहनत कितना रंग लाती है यह आने वाले समय में टिकट की घोषणा के बाद साफ हो पाएगा।
संघ के नेताओं की पार्टी भी चर्चा में
बताया जाता है कि संघ से जुड़े कुछ पुराने पदाधिकारियों ने एक नई पार्टी बनाई है। इसमें ज्यादातर संघ से जुड़े रहे पदाधिकारी हैं और वे आगामी विधानसभा चुनाव लडऩे की तैयारी कर रहे हैं। वे खुलकर सामने आने लगे हैं। संघ के पूर्व इन पदाधिकारियों का किस गुट और किस धड़े से संपर्क है अभी यह साफ नहीं है। परन्तु कयास सभी अलग-अलग लगा रहे हैं। इससे किस दल को कितना फायदा या नुकसान होता है यह उनकी चुनाव के दौरान सक्रियता से साफ होगा।
अब आप से कौन टिकट लड़ेगा इसको लेकर चर्चा शुरू
शहर में दावा किया जा रहा है कि आम आदमी पार्टी से भाजपा और कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने वाले दावेदार चुनाव लडऩे का ऐलान कर सकते हैं। इनमें से कई नेताओं की आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से चर्चा हो चुकी है। आम आदमी पार्टी में भी दो धड़े हो चुके हैं। इसलिए अभी उनकी तरफ से कोई भी कुछ कहने की स्थिति में नहीं है। अगर भाजपा और कांग्रेस से नाराज दावेदार आप पार्टी से चुनाव लड़ते हैं तो उज्जैन में आगामी समय में चुनाव रौचक होगा। वैसे नागदा से सुबोध स्वामी मैदान में आ ही चुके हैं।
दिग्गी से खंडेलवाल की मुलाकात के कई मायने लगा रहे कांग्रेसी
बुधवार को कंप्यूटर बाबा के कार्यक्रम में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह उज्जैन आए थे। रामघाट दावेदारों की भीड़ तो थी। वहीं पूर्व सीएम उज्जैन के एक वकील के निधन पर उनके घर शोक व्यक्त करने गए थे। जहां उनकी मुलाकात अनाज तिलहन व्यापारी संघ के वर्तमान अध्यक्ष गोविंद खंडेलवाल से हुई। इस मुलाकात के कई मायने निकाले जा रहे हैं। क्योंकि पिछले दिनों खंडेलवाल कह चुके हैं कि अगर उन्हें चुनाव लडऩे के कांग्रेस टिकट देती है तो वे चुनाव लडऩे का तैयार हैं। दावा किया जा रहा है कि खंडेलवाल उत्तर और दक्षिण दोनों ही सीट में से किसी भी सीट पर चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। चूंकि मंडी के साथ ही धार्मिक संस्थाओं के माध्यम से उनकी गतिविधियां साल भर चलती है इसलिए उनकी दावेदारी को मजबूत माना जा रहा है। वैसे भी कहा जा रहा है कि वशिष्ठ परिवार के साथ उनकी रिश्तेदारी और वशिष्ठ परिवार में विवाद के बाद उनका समर्थन वशिष्ठ परिवार का एक धड़ा कर रहा है।
भाजपा में दावेदारों के नए नाम आने लगे सामने
भाजपा अभी तक उज्जैन दक्षिण, ताराना, घट्टिया, नागदा खाचरौद से प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर चुकी है। इन प्रत्याशियों ने चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। परन्तु अभी भी उत्तर, महिदपुर और बडऩगर की सीट के प्रत्याशियों के नाम की घोषणा होनी बाकी है। अभी तक उज्जैन उत्तर से पारस जैन के साथ ही अनिल जैन कालूहेड़ा के नाम की ज्यादा चर्चा थी।
परन्तु अब उज्जैन उत्तर से विभाष उपाध्याय और प्रदीप पांडे के नाम की चर्चा भी होने लगी है। चूंकि उज्जैन उत्तर को भाजपा ने होल्ड कर रखा है इसलिए सभी दावेदार एडी चोटी का जोर लगा रहे हैं कि अंतिम समय में उनके नाम को हरी झंडी मिल सकती हो तो मिल जाए। दिल्ली के सूत्रों के मुताबिक कल भाजपा की एक और सूची आ सकती है। इसमें उत्तर के प्रत्याशी का नाम सामने आएगा।