बाजार में चलाने वाले 3 गिरफ्तार, 2 लाख के नोट बरामद
उज्जैन, अग्निपथ। इंदौर में पकड़ाए गिरोह ने लाखों के नकली नोट उज्जैन तक पहुंचाए थे। बाजार में नोट चलाने वाले तीन युवकों को नीलगंगा पुलिस ने हिरासत में लिया है, जिनके पास से दो लाख पांच हजार के नोट बरामद किये गये हैं। तीनों को शुक्रवार दोपहर न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है।
इंदौर अन्नपूर्णा थाना पुलिस ने 6 दिन पहले नकली नोट छापने वाले गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर मामले का पर्दाफाश किया था। गिरोह से सामने आया था कि उन्होने उज्जैन तक लाखों के नकली नोट भेजे हैं। इस सूचना पर नीलगंगा पुलिस ने बाजार में नकली नोट चलाने वालों का सुराग तलाशना शुरू किया। बीती रात रेलवे कालोनी गऊघाट में रहने वाले लोकेश पिता रामदयाल वर्मा (25) को पकड़ा गया। जिसने सुरेश पिता दयाराम राठौर (39) भैरवगढ़ और प्रहलाद पिता बनेसिंह (41) उन्हेल के साथ मिलकर बाजार में नकली नोट चलाना कबूल कर लिया।
टीआई विवेक कनोडिय़ा ने नकली नोट चलाने वाले 2 अन्य युवकों की गिर तारी के लिये रात में टीम रवाना की। भैरवगढ़ और उन्हेल से दोनों को हिरासत में लिया और नकली नोट बरामद करने की कार्रवाई शुरू की। तीनों के घरों से 2 लाख पांच हजार के नोट बरामद हो गये हंै। जिसमें 101 नोट 2000 के और 7 नोट 500 के है।
टीआई कनोडिय़ा ने बताया कि तीनों को नकली नोट इंदौर के गिरोह से जुड़ा हिमांशु गौसर उपलब्ध करा रहा था, जो नोट छापने वाले सरगना राजेश उर्फ अशोक चौहान का साथी है। गिरफ्तार किये गये तीनों युवको के खिलाफ जाली भारतीय मुद्रा बाजार में चलाने का प्रकरण दर्ज किया गया। तीनों को न्यायालय में पेश कर रिमांड पर लिया गया है। पूछताछ कर हिमांशु गौसर की तलाश की जा रही है। संभावना है कि उसने शहर में अन्य लोगों को भी नकली नोट चलाने के लिये होंगे।
बाजार में चला चुके हैं 25 हजार के नोट
नीलगंगा पुलिस की गिरफ्त में आये नकली नोट चलाने वालों ने बताया कि अब तक उन्होने 25 हजार के नोट बाजार में चला दिये है। नोट चलाने के लिये भीड़ भरे क्षेत्र में जाते थे। कई नोट हाट बाजार में चलाये है। हिमांशु उन्होने 40 प्रतिशत पर नकली नोट देता था। 2000 के नोट बाजार में बंद होने से पहले ही लिये थे। लेकिन कुछ माह पहले सरकार ने बंद कर दिये, जिसके चलते बाजार में नहीं चला पा रहे थे। 3-4 माह से नोट चलाने का काम कर रहे थे।
सरगना ने खुद का बनवाया मृत्यु प्रमाण पत्र
नीलगंगा टीआई ने बताया कि नकली नोट चलाने वाले गिरोह के संबंध में इंदौर पुलिस से संपर्क करने पर सामने आया कि गिरोह का सरगना राजेश बरपेटे है, जो मूलरूप से बैतूल का रहने वाला है। उसने खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र बना लिया था और इंदौर के पलास परिसर में लैट लेकर अपना नाम अशोक चौहान रख लिया था। वह सालभर से लैट में कम्प्यूटर, प्रिंटर और स्केनर की मदद से नकली नोट तैयार कर रहा था। उसने दो हजार, पांच सौ और दो सौ के नोट करीब 30 लाख तैयार कर बाजार में पहुंचा दिये है। इंदौर पुलिस को भी हिमांशु गौसर की तलाश है।