सुसनेर, अग्निपथ। गला दबाकर पत्नी की हत्या करने के मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। मामले में मृतका और आरोपी के बच्चे ही प्रत्यक्षदर्शी थे।
अभियोजन विभाग के मीडिया सेल प्रभारी एवं एडीपीओ पवन सोलंकी सुसनेर ने बताया कि 1 दिसम्बर 21 को ग्राम देहरिया (सोयतकलां) निवासी बालचन्द पिता रामलला मेघवाल (35) ने पत्नी की आधी रात को गला दबाकर मार डाला था। मृतका ने सोयतकलां थाने में पुलिस को शिकायत की थी कि के एक बेटे ने बताया कि 1 दिसम्बर 21 को रात करीबन 12:30 बजे मम्मी के चिल्लाने की आवाज सुनकर हम तीनों भाई बहन ने उठकर देखा तो मम्मी नीचे पड़ी थी और पापा उनकी छाती पर बैठकर उसका गला दोनों हाथों से दबा रहे थे।
तीनों भाई-बहन ने पापा को बोला कि मम्मी का गला मत दबाओ तो उन्होंने हमें डरा दिया और बोले कि चिल्लाओ मत सो जाओ। मैंने मम्मी को बचाने के लिए पापा का हाथ पकड़ा तो धक्का दे दिया। इसके बाद पापा मम्मी का गला दबाकर दरवाजा खोलकर कही चले गए। बच्चों ने मम्मी को हाथ लगाकर हिलाया डुलाया वह नही उठी। फिर तीनों भाई बहन ने मोहल्ले वालों के घर जाकर दरवाजा खटखटाया तो कोई नही उठा। अगले दिन सवेरे किराना की दुकान पर जाकर अपने मामा को फोन लगाकर घटना के बारे में पुरी बात बताई थी।
जघन्य प्रकरण की सूची में शामिल था
अनुसंधान पूर्ण कर अभियोग पत्र धारा 302, 323, 506 भादवि में न्यायालय में पेश किया। प्रकरण में विवेचना थाना प्रभारी सोयतकलां हरीश जेजूरकर के द्वारा की गई। प्रकरण को राज्य शासन द्वारा जघन्य सनसनीखेज प्रकरण की सूची में शामिल किया गया।
1000 रुपए जुर्माना भी
मामले में हाल में दिए फैसले में अपर सत्र न्यायाधीश पंकज कुमार वर्मा सुसनेर ने दोषी बालचंद को आजीवन कारावास के साथ एक हजार रुपए जुर्माना से दंडित किया। अर्थदंड न चुकाने पर हत्यारे को 1 माह का सश्रम कारावास भुगतना होगा।