बोहरा समाज के सैय्यदना साहब की बगैर परमिशन के चार से ज्यादा संपत्ति बिकी

छह साल पुराने धोखाधड़ी के मामले में बोहरा समाज के दो पूर्व आमिल और तीन पूर्व मैनेजर नहीं हुए कोर्ट में पेश, अब सुनवाई 6 नवंबर को होगी

उज्जैन, अग्निपथ। वक्फ की संपत्ति को मजार ए नजमी और अंजुमन ए वजीही संस्था जुड़े लोगों पर फर्जी तरीके से बेचने के आरोप में डीजे की कोर्ट में मंगलवार को पूर्व दो आमिल और तीन पूर्व मैनेजर को पेश होना था। इसकी भनक लगते ही मीडिया जगत से जुड़े लोग कोर्ट पहुंच गए थे। परन्तु दो पूर्व आमिल और तीन मैनेजर पेश नहीं हुए और अब मामले की सुनवाई 6 नवंबर को होगी।

एडवोकेट इब्राहिम के मुताबिक बोहरा समाज की मजार ए नजमी के शब्बीर भाई पालनपुर वाले (पूर्व मैनेजर), मोहसीन भाई साहब (पूर्व शहर आमिल साहब ) शेख मुस्तफा निवासी डूंगरपुर राजस्थान, खुजैमा भाई (तत्कालीन मैनेजर), इशाक भाई साहब (तत्कालीन शहर आमिल साहब) ने बोहरा समाज के धर्म गुरु सैय्यदना मुफद्दल सैफुद्दीन साहब और वक्फ बोर्ड की बगैर परमिशन के उन्हें बेच दिया। जबकि दोनों ही परमिशन के बगैर वे मजार ए नजमी की संपत्ति को बेच नहीं सकते थे।

मामले को देख रहे एडवोकेट इब्राहिम ने बताया कि मजार ए नजमी के पूर्व आमिल और पूर्व मैनेजर ने उन्हें अंधेरे में रखकर संपत्ति बेची थी। इसके लिए उन्होंने आरोपियों को रुपए भी चुकाए थे। उनका आरोप है कि आरोपियों को पहले से पता था कि वक्फ की संपत्ति को नहीं बेचा जा सकता है फिर भी उन्होंने धोखाधड़ी करते हुए संपत्ति को बेचा है।

उनके परिवाद पर अर्पित जैन न्यायिक मजिस्ट्रेट की कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ धारा 420,467,468,34 के तहत के केस चलाने के आदेश दिए थे। अब मामला डीजे की कोर्ट में ट्रांसफर हो गया है। इसलिए मामले में उस कोर्ट में सुनवाई हो रही है।

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