अनाज मंडी में फसल बेचने के लिए किसान हो रहे हैं परेशान, काटना पड़ते हैं चक्कर

उज्जैन, अग्निपथ। कृषि उपज मंडी में इन दिनों किसान फसल लेकर आ रहे हैं। उनकी फसल की नीलामी मंडी फड पर होती है। उस दौरान पर्ची पर नीलामी में बोली लगाने वाली फर्म का नाम लिख दिया जाता है। फसल तुलवाने और पैसा लेने के लिए किसानों को तुलावटी, मंडी कर्मचारियों और व्यापारियों के चक्कर काटने पड़ते हैं। इससे किसान बेहद परेशान हो जाता है। किसानों ने इस अव्यवस्था को ठीक करने की मांग की है।

बुधवार को तराना से आए जगदीश प्रजापति 30 क्विंटल अनाज लेकर उज्जैन आए थे। उनकी मयूर ट्रेडिंग कंपनी ने खरीदी थी। किसान सार्टेक्स गोदाम पर पहुंचा तो वहां के कर्मचारियों ने उसे टरका दिया। प्रजापति का कहना है कि वे दूसरों के अनाज की तुलाई कराते रहे और उन्हें परेशान करते रहे। इससे नाराज किसान मंडी आफिस में पहुंचा। जहां प्रांगण प्रभारी महेंद्र जैन और दीपक श्रीवास्तव से शिकायत की। इस पर जैन ने कंपनी के संचालक को मामले की जानकारी देकर किसान की समस्या के निराकरण के निर्देश दिए।

किसान की परेशानी और सुझाव पर भडक़े कर्मचारी

किसान ने मंडी कर्मचारी महेंद्र जैन और दीपक श्रीवास्तव को अपनी परेशानी बताई थी। इस दौरान उसने मीडिया के सामने भी अपनी बाइट देते हुए समस्या बताई और सुझाव दिया कि नीलामी पर्ची पर फर्म की सील, पता और टेलीफोन नंबर भी होना चाहिए। ताकि किसान को पता चल सके कि उसे कहां जाकर अपनी फसल को तुलवाना है और किससे पैसा लेना है। अभी नाम से पता नहीं चल पाता है। यह सुनकर महेंद्र जैन और दीपक श्रीवास्तव भडक़ गए। किसान के सुझाव देने पर आक्रोशित हो गए। उनका कहना था कि मंडी में सैकड़ों किसान फसल बेचने आते हैं। पर्ची पर फर्म का पता और नंबर देना संभव नहीं है। इससे किसान ने कहा कि वह समस्या के निराकरण के लिए सुझाव दे रहा है। मंडी कर्मचारियों और अफसरों को व्यवस्था बनानी चाहिए।

सीजन शुरू हो गया और मंडी में नहीं है सचिव

उल्लेखनीय है कि मंडी में इन दिनों सचिव नहीं है। सचिव की जिम्मेदारी डीएस प्रवीण वर्मा को दी गई है। वे आधे दिन भरतपुरी स्थित अपने आफिस पर रहते हैं और मंडी में कभी आते हैं और कभी नहीं आते हैं। इससे कर्मचारी और अफसरों पर नियंत्रण नहीं रह पाता है। मंडी के कई काम के लिए कर्मचारियों को भरतपुरी तक जाना पड़ता है। अभी सीजन में किसानों की समस्या बढऩे पर पूर्ण कालिक सचिव के न रहने से परेशानी बढ़ जाएगी।

मंडी में सोयाबीन की आवक बढ़ी, रेट फिर भी कम

इन दिनों मंडी में फसल की आवक बढ़ गई है। सोयाबीन की 11953 बोरियों की आवक हुई। इसमें अधिकतम 5700 और न्यूनतम 2270 के दाम पर सोयाबीन बिकी। यानी किसानों को अभी भी सोयाबीन के दाम नहीं मिल रहे हैं। लोकवान की 1890 बोरियों की आवक हुई। यह 2060 के न्यूनतम और 3381 के अधिकतम दाम पर बिकी। पूर्णा की 468 बोरियों की आवक हुई। इसमें 2460 और 3301 के दाम पर बिका। पोषक गेहूं की 1453 बोरियों की आवक हुई। अधिकतम 2866 और न्यूनतम 2400 रुपए में बिका। चना काबली 15851 अधिकतम और न्यूनतम 12801 के दाम पर बिका। चना शंकर अधिकतम 6025 और न्यूनतम 4550 के दाम पर बिका। बटला 3651 अधिकतम और 1300 रुपए के न्यूनतम दाम पर बिकी। मसूर 4200 रुपए के दाम पर बिकी।

किसान का अच्छा सुझाव है। परन्तु उस पर अमल करना तत्काल संभव नहीं है। अभी सभी की चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है। कर्मचारी चुनाव के साथ ही नीलामी करवा रहे हैं। किसानों की सहायता के लिए किसान सहायता केंद्र बना हुआ है। वहां जाकर किसान अपनी समस्या बता सकते हैं। वे निराकरण करेंगे।

-प्रवीण वर्मा, प्रभारी उज्जैन कृषि उपज मंडी और संयुक्त संचालक उज्जैन

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