36 घंटे निगरानी के बाद इंदौर से पकड़ाया फरार शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल

धार, अग्निपथ। जिले के राजगढ़ निवासी जिस शराब माफिया को 13 माह से जिले की पुलिस पकडऩे में नाकाम रही उसे इंदौर क्राइम ब्रांच ने धरदबोचने में सफलता हासिल कर ली है। इंदौर क्राइम ब्रांच ने शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल को गिरफ्तार कर उसे धार क्राइम ब्रांच और दिग्ठान पुलिस चौकी के सुपुर्द किया गया है। जहां से उसे न्यायालय में पेश किया जाना है। लेकिन धार पुलिस की तरफ से इसमें कोई कुछ भी कहने से बच रहा है। पकड़ाने के 12 घंटे के बाद भी पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

राजगढ़ में लाइसेंसी शराब कारोबारी सिद्धार्थ जायसवाल को पकडऩे के लिए सागौर और दिग्ठान चौकी की टीम बीते 13 माह से प्रयास कर रही थी। लेकिन शराब माफिया जायसवाल पुलिस को अब तक छकाने में सफल रहा है। न्यायालय ने शराब माफिया की जमानत अर्जी को निरस्त कर दिया। इसके बाद से भूमिगत था। जिसे मंगलवार देर रात इंदौर से पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि इंदौर क्राइम ब्रांच ने शराब माफिया जायसवाल को पकड़ा है। सूत्र बताते है कि मंगलवार रात करीब साढ़े 9 बजे शराब माफिया को इंदौर क्राइम ब्रांच ने सूचना के बाद पकड़ा है।

यह है मामला

गौरतलब है कि 12 जुलाई 2022 को मुखबिर की सूचना पर सागौर पुलिस ने लेबड़-मानपुर हाईवे पर मानपुर तरफ से आ रही पिकअप क्रमांक एमपी-10-जी-1648 को शराब ले जाते हुए पकड़ा था। भूसे के बोरों में छुपाकर शराब को ले जाया जा रहा था। इस बीच पुलिस ने चैकिंग के दौरान 3 लाख 67 हजार रुपए की 153 पेटी शराब पकड़ी थी। इस मामले में पुलिस ने मंजीत तेजसिंह बरेडिया निवासी इंदौर के खिलाफ आबकारी एक्ट में केस दर्ज किया था। जांच के बाद पाया कि मंजीत ने यह शराब मानपुर के ग्राम खेड़ीसिहोद स्थित लाइसेंसी शराब दुकान से भरी थी।

यह लाइसेंसी शराब दुकान का ठेका उस वक्त सिद्धार्थ जायसवाल के पास था। पुलिस ने जांच के बाद शराब कारोबारी जायसवाल सहित दो अन्य को भी आरोपी बनाया था। इसी मामले में सिद्धार्थ जायसवाल अब तक फरार चल रहा था। जिसे पकडऩे के लिए 10 हजार रुपए का इनाम भी रखा था। अब जाकर शराब माफिया जायसवाल पुलिस के हाथ आया है।

राजगढ़ नपाध्यक्ष का बेटा है सिद्धार्थ

शराब माफिया सिद्धार्थ जायसवाल राजगढ़ नगर परिषद अध्यक्ष का बेटा है। इस पर 8 अपराध दर्ज है। इनमें अवैध शराब को लेकर भी अपराध शामिल है। हालांकि जायसवाल को कुछ अपराधों में न्यायालय से राहत मिल चुकी है। जबकि कुछ केस अब भी विचाराधीन है। राजनीतिक पृष्ठभूमि में शामिल होने के कारण शराब माफिया जायसवाल ने शराब के धंधे में अपना बड़ा नाम बनाया है। लेकिन लाइसेंसी शराब के साथ-साथ अवैध शराब के कारोबार में भी सिद्धार्थ ने खूब चांदी काटी है। इतना ही नहीं इन दिनों फरारी में शराब माफिया जायसवाल सिर्फ शराब ही नहीं बल्कि अन्य तरह के अवैध कारोबार में शामिल हुआ है। सूत्र बताते है कि फूलगांवड़ी में अपने पयादों के जरीए केमिकल से लेकर बायोडिजल सहित अन्य तरह के अवैध धंधों में भी शराब माफिया की भूमिका और आवाजाही बढ़ी है जो कि जांच और कार्रवाई का विषय है।

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