सडक़ दुर्घटना में प्रदेश में सबसे बड़ा मुआवजा, आईटी रिटर्न बना मजबूत आधार
इंदौर, अग्निपथ। सडक़ दुर्घटना में एक माइनिंग कारोबारी की मौत में कोर्ट ने ओरिएंटल इंश्योरेंस कंपनी लि. को पीडि़त परिवार को ब्याज सहित 6.14 करोड़ का मुआवजा देने का आदेश दिया है। केस में दो खास बातें ये हैं कि दुर्घटना क्षेत्राधिकार से बाहर हुई थी, इसके बावजूद केस मजबूत रहा। दूसरा यह कि, कारोबारी द्वारा पांच साल से भरे जा रहे इनकम टैक्स रिटर्न मजबूत आधार बने जिससे उनकी वास्तविक आय प्रमाणित हुई। सडक़ दुर्घटना में प्रदेश में इतने बड़ा मुआवजा देने का यह पहला मामला है।
मृत माइनिंग कारोबारी का नाम कौसर अली निवासी अन्नपूर्णा रोड इंदौर (42) है। दुर्घटना 4 अप्रैल 2019 सुबह 6.30 बजे एनएच-30, गंजताल मोड सिहोरा में हुई थी। कारोबारी कौसर अली, पत्नी नसरीन बानो, बेटे ईशान अली (17), रिश्तेदार आदिल अली, नूरी और उनकी मां हिना कौसर के साथ कार से एक प्रोग्राम में जा रहे थे।
कार कौसल अली ड्राइव थे। सामने से आए तेज रफ्तार ट्रक ने जोरदार टक्कर मार दी। इससे कौसर की कार पुलिया के नीचे जा गिरी। कौसर अली, रिश्तेदार आदिल अली व नूरी की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। अन्य जख्मी हो गए थे।
मौत के बाद ऐसे पड़ा परिवार पर असर
कौसर अली की मौत के मामले में परिवार की ओर से कोर्ट में 19 करोड़ रु. का क्लेम लगाया गया था। इसमें बताया गया कि वे पूरी तरह स्वस्थ थे। उनका माइन्स के अलावा कंस्ट्रक्शन का भी काम था। उनकी कंपनी में 40 प्रतिशत की हिस्सेदारी थी। परिवार के बारे में बताया गया कि उनकी मौत के बाद पत्नी नसरीन बानो पति के सहारे, प्रेम-प्यार, मार्गदर्शन सहित आवश्यक जरूरतों से वंचित हो गई। बेटे ईशान के बारे में बताया गया कि वह अभी नाबालिग है और पढ़ाई कर रहा है। वह भी पिता के प्यार, भरण पोषण व उच्च शिक्षा से हमेशा के लिए वंचित हो गया। इसी तरह कौसर के माता-पिता भी वृद्धावस्था में बेटे के सहारे से वंचित हो गए क्योंकि ऐसे समय उन्हें बेटे के सहारे की खास जरूरत थी।