वरना होंगे 5 हजार से अधिक सामूहिक इस्तीफे
धार, अग्निपथ। जिले की हाइप्रोफाइल सीट मानी जानी वाली पर भाजपा के लिए भी खतरे की घंटी बजना शुरू हो गई है। टिकट वितरण से नाराज कार्यकर्ताओं की एक बैठक मिलन महल में हुई। यहां पर भाजपा के तमाम बड़े नेताओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता एकत्रित हुए। बैठक में निर्णय लिया गया है कि पार्टी हाईकमान विधानसभा चुनाव का टिकट बदले। टिकट नहीं बदला जाता है तो सभी कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा देंगे। साथ ही चुनाव मैदान में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उतरेंगे और जीत भी दर्ज करेंगे। टिकट बदलने के लिए 28 अक्टूबर तक का समय पार्टी हाईकमान को दिया गया है। इसके बाद सामूहिक इस्तीफे के साथ नामांकन पत्र दाखिल करने का निर्णय लिया गया।
भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव के समर्थन में कार्यकर्ताओं की बैठक मिलन महल में हुई। इस बैठक में पूर्व जिलाध्यक्ष यादव के समर्थन में पूर्व विधायक करणसिंह पंवार, अनंत अग्रवाल, निर्भय सिंह पटेल, पूर्व नपाध्यक्ष पीथमपुर देवेंद्र पटेल, अशोक पटेल समेत धार, तिरला और पीथमुपर से बड़ी संख्या में कार्यकर्ता धार पहुंचे थे। यहां उन्होंने यादव के समर्थन में जमकर नारेबाजी की। साथ ही चुनाव लडऩे का प्रस्ताव भी बैठक में पास किया गया।
पूर्व जिलाध्यक्ष राजीव यादव ने कहा कि पंद्रह साल से विधायक भाभी है। इस बार फिर टिकट लेकर आए है। अगली बार उनकी बेटी का टिकट ले आएंगी। वंशवाद और परिवारवाद यहां नहीं चलेगा। बात विधायक बनने की नहीं है, यह व्यवस्था की लड़ाई है और इसके लिए आप कार्यकर्ताओं को यह तय करना है। पूर्व जिलाध्यक्ष यादव ने कहा जिला पंचायत व नगर पालिका चुनाव आए।
कोर कमेटी ने प्रत्याशी तय किए। नगर पालिका चुनाव में प्रत्याशी के सामने लोगों को खड़ा किया। पैसा दिए गए, फोन लगाए गए, हरवाने का प्रयास किया। कितने लोगों के पास फोन गए, आप लोगों ने देखा होगा। उस समय पार्टी ने क्या किया। हम सब लोग गए मिलने कि इन लोगों ने हमारे पार्षद व अध्यक्ष के खिलाफ काम कर पूरी पार्टी को बर्बाद कर दिया। लेकिन एक नहीं सुनी गई।
हम तोमर साहब के यहां भी गए थे, उनसे कहा कब तक चलेगा ये सब, उन्होंने कहा कि भाभी है जब तक। पूर्व जिलाध्यक्ष यादव ने कहा हमारी लड़ाई व्यवस्था को लेकर है, पार्टी के लिए है। यादव ने कहा पार्टी से टिकट बदलने की मांग सभी कार्यकर्ता कर रहे है। टिकट नहीं बदलने पर कार्यकर्ता सामूहिक इस्तीफा देंगे और चुनाव लड़ेंगे। मैं 29 अक्टूबर को जनता के बीच जाउंगा। जनता तय करेगी तो मैं चुनाव लडूंगा।
वैभवशाली गौरवगाथा यहां आकर खत्म हो गई
पूर्व विधायक करणसिंह पंवार ने कहा धार की पहचान राजा भोज से है। एक तरफ हम राजा भोज के गौरवशाली वैभवगाथा कहते हैं। लेकिन एक तरफ धार के राजा भोज ऑडिटोरियम का नाम बदलकर विक्रम वर्मा कर रहे है। वैभवशाली गौरवगाथा यहां आकर खत्म हो गई? ये कभी बर्दाशत नहीं होगा चाहे विरोध करो या मत करो हम विरोध करेंगे, जो भी होगा उस मनोस्थिति के लिए हम तैयार है। विरोध भी करेंगे और अच्छी व्यवस्था भी बनाएंगे। यह विरोध राजनीति शख्सियत बनाने के लिए नहीं है बल्कि राजनीतिक व्यवस्था बनाने के लिए है। हम ऐसी व्यवस्था बनाएंगे जिसमें ये दोनों प्रत्याशी धराशायी होकर घर जाएं और तीसरा प्रत्याशी विजय होकर निकले।