सुमावली-बडऩगर में विधायक भारी पड़े, पिपरिया-जावरा में स्थानीय मुद्दे से बैकफुट पर पार्टी
भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस ने चौथी सूची जारी कर 4 सीटों पर प्रत्याशी बदल दिए हैं। तीन बार में 230 प्रत्याशियों की घोषणा के बाद हो रहे विरोध, प्रदर्शन और बगावत को देखते हुए पार्टी ने ये फैसला लिया है।
कांग्रेस ने सुमावली (मुरैना) में कुलदीप सिकरवार की जगह मौजूदा विधायक अजब सिंह कुशवाह, पिपरिया (नर्मदापुरम) में गुरुचरण खरे की जगह वीरेंद्र बेलवंशी, बडऩगर (उज्जैन) में राजेंद्र सिंह सोलंकी की जगह विधायक मुरली मोरवाल और जावरा (रतलाम) में हिम्मत श्रीमाल की जगह वीरेंद्र सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले दूसरी सूची में कांग्रेस ने 3 प्रत्याशी (नरसिंहपुर जिले की गोटेगांव, शिवपुरी जिले की पिछोर और दतिया सीट) बदले थे। आज जिन 4 प्रत्याशियों को बदला गया है, उनके नाम 6 दिन पहले जारी दूसरी सूची में थे। अब तक कांग्रेस 7 सीटों पर प्रत्याशी बदल चुकी है।
सुमावली: अजब सिंह कुशवाह चले गये थे बसपा में
इस विधानसभा सीट पर मौजूदा विधायक अजब सिंह कुशवाह का टिकट काटकर कांग्रेस ने कुलदीप सिकरवार को प्रत्याशी बनाया था। इस फैसले के बाद अजब सिंह कुशवाह ने कांग्रेस छोडक़र बसपा जॉइन कर ली थी। विधायक के विद्रोही तेवरों को देखकर कांग्रेस ने फिर अजब सिंह कुशवाह को मौका दिया है। कुशवाह मौजूदा विधायक हैं।
टिकट कटने पर बोले: कुदलीप सिकरवार ने कहा, पार्टी ने मुझे टिकट दिया था। अब टिकट बदल दिया है, यह पार्टी का निर्णय है। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना।
पिपरिया: गुरुचरण को टिकट देने पर 12 दावेदार थे विरोध में
इस सीट पर कांग्रेस ने गुरुचरण खरे को उम्मीदवार घोषित किया था। उन्हें प्रत्याशी बनाए जाने के बाद से ही 12 स्थानीय दावेदार विरोध कर रहे हैं। गुरुचरण छिंदवाड़ा के रहने वाले हैं, इसी को मुद्दा बनाकर उनका विरोध किया जा रहा था। ऐसे में कांग्रेस ने यहां उम्मीदवार बदलकर पूर्व जनपद अध्यक्ष वीरेंद्र बेलवंशी को टिकट दिया है।
टिकट कटने पर बोले: गुरुचरण खरे ने कहा, कमलनाथ और पार्टी ने मुझे टिकट दिया था। उन्होंने ही टिकट काटा। मुझे कोई आपत्ति नहीं। पार्टी को लगता है कि मुझसे अच्छे उम्मीदवार वीरेंद्र बेलवंशी हैं, तो मैं पार्टी के निर्णय का सम्मान करता हूं। कमलनाथ के आदेश का पालन करेंगे।
जावरा: कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भोपाल तक जताया था विरोध
यहां कांग्रेस ने हिम्मत श्रीमाल को प्रत्याशी बनाया था। श्रीमाल का कांग्रेस के कई दावेदार विरोध कर रहे थे। इन्होंने भोपाल में भी मोर्चा खोल रखा था। इसी असंतोष को खत्म करने के लिए श्रीमाल को हटाकर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को मौका दिया गया है।
टिकट कटने पर बोले: हिम्मत श्रीमाल ने कहा, पार्टी ने जो भी जिम्मेदारी दी, उसे पूरी ईमानदारी के साथ पूरा किया। किस कारण मेरा टिकट चेंज किया, हाईकमान से पता करना पड़ेगा। कांग्रेस के साथियों के साथ मीटिंग कर आगे की रणनीति तय करेंगे।
बडऩगर: स्थानीय नेताओं के विरोध पर पलटा फैसला
उज्जैन जिले की बडऩगर सीट से कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट में राजेंद्र सिंह सोलंकी का नाम घोषित किया था। बेटे पर रेप के आरोप की वजह से मुरली मोरवाल को टिकट गंवाना पड़ा था। लेकिन, स्थानीय नेताओं के विरोध के बाद पार्टी ने अपना फैसला पलटा है। यहां एक बार फिर मोरवाल पर विश्वास जताया गया है। मोरवाल मौजूदा विधायक हैं। टिकट कटने पर मोरवाल ने दावा किया था कि उन्हें भाजपा ने 35-40 करोड़ रुपए और टिकट की गारंटी का ऑफर दिया था। अब वे निर्दलीय चुनाव लड़ेंगे।
टिकट कटने पर बोले: राजेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा, फिलहाल, मेरी किसी भी बड़े नेता से बात नहीं हो पाई है। मुझे अभी मीडिया से ही खबर लगी है कि मेरा टिकट काट दिया गया है। अब मैं निर्दलीय चुनाव लड़ूंगा।
बडऩगर में अब राजेंद्र सिंह बनेंगे कांग्रेस के लिए मुसीबत
बडऩगर से राजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित करने के बाद एक बार फिर कांग्रेस ने टिकट काटते हुए सिटिंग एमएलए मुरली मोरवाल को टिकट दिया है। इससे नाराज होकर राजेंद्र सिंह ने निर्दलीय चुनाव लडऩे का मन बना लिया है। उन्होंने कहा कि सर्वे के आधार पर मुझे टिकट दिया था। हमने 10 से अधिक गाँवों में प्रचार कर लिया। 10 लोग भोपाल गए और उन्होंने टिकट काट दिया। में निर्दलीय चुनाव लडूंगा और 27 तारीख को अपन नामांकन दाखिल करूँगा।
जावरा में अब नए कांग्रेस प्रत्याशी वीरेंद्र सिंह का विरोध शुरू
रतलाम के पांच विधानसभा क्षेत्र में सबसे हॉट सीट बनी हुई जावरा में कांग्रेस ने टिकट बदलकर वीरेंद्र सिंह सोलंकी को उम्मीदवार बनाया है। टिकट बदलने की घोषणा के बाद वीरेंद्र सिंह सोलंकी के समर्थकों में उत्साह और जश्न का माहौल है । गौरतलब है कि वीरेंद्र सिंह सोलंकी, डीपी धाकड़ और राजेश भरावा के समर्थकों ने हिम्मत श्रीमाल को उम्मीदवार बनाए जाने का जमकर विरोध किया था और भोपाल में भी कमलनाथ के बंगले के बाहर प्रदर्शन किया था।
पार्टी द्वारा टिकट वापस लिए जाने पर हिम्मत श्रीमाल ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि पार्टी ने आज तक जो भी जिम्मेदारी दी है उसे पूरी ईमानदारी के साथ पूरा किया। मैं आज तक कोई चुनाव नहीं हारा। जो भी विरोध हो रहा था वह जावरा विधानसभा क्षेत्र के बाहर के दावेदारों द्वारा किया जा रहा था। स्थानीय कार्यकर्ताओं की मांग थी कि किसी स्थानीय को ही कांग्रेस पार्टी टिकट दे। इस मांग से पार्टी हाई कमान को भी अवगत करा दिया था। लेकिन पार्टी ने पता नहीं क्या सोचकर टिकट बदल दिया। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं के साथ बैठक के बाद आगे का निर्णय लेंगे। हालांकि टिकट बदले जाने के बाद हिम्मत श्रीमाल के समर्थकों और स्थानीय कांग्रेस नेताओं ने बाहरी उम्मीदवार को टिकट दिए जाने के मुद्दे पर फिर विरोध शुरू कर दिया है। जिसमें जावरा शहर के बड़े काँग्रेस नेता और पार्षद भी शामिल हो सकते हैं।