उज्जैन, अग्निपथ। कार्य आदेश के पश्चात भी कार्य आरंभ ना होने तथा निर्धारित समय सीमा में पूर्ण नहीं होने से पता चलता है कि सम्बंधित यंत्री गंभीर नहीं हैं। यह उदासीनता अब और गवारा नहीं की जा सकती।
यह बात निगम आयुक्त रौशन कुमार सिंह ने कही है। निर्माण कार्यो से सम्बंधित एक महत्वपूर्ण बैठक में जब निगम आयुक्त विभिन्न निर्माण कार्यो की समीक्षा कर रहे थे तब आपने पाया कि जहां एक और प्रचलित निर्माण कार्य निर्धारित समय सीमा में पूर्ण होते दिखाई नहीं दे रहे, वहीं दूसरी और कुछ कार्य ऐसे भी हैं जिनके कार्य आदेश होने के पश्चात अब तक कार्य आरंभ ही नहीं हुआ हैं।
निगम आयुक्त ने इस स्थिति पर नाराजगी प्रकट करते हुए सम्बंधित यंत्रियों को सचेत किया कि वे उदासीनता त्यागें और अपने दायित्वों के प्रति गंभीर हों। जिस यंत्री को जिस प्रोजेक्ट की जिम्मेदारी दी गई है, उसे निर्धारित समय सीमा में पूर्ण गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने का दायित्व सम्बंधित यंत्री का है। यंत्रीगण ठेकेदार के भरोसे कार्य ना छोड़ें बल्कि स्थल पर उपस्थित रहकर कार्य करवाएं।
शहर के विभिन्न स्थानों पर ग्रीन वर्टिकल वाल निर्माण का कार्य आदेश होने के दो सप्ताह बाद भी कार्य आरंभ नहीं होने पर निगम आयुक्त ने सम्बंधित यंत्री श्रीमती विधुरानी कौरव, श्री गायत्री प्रसाद डेहरिया को कारण बताओ सूचना पत्र जारी करने के निर्देश दिए। नाराज होते हुए निगम आयुक्त ने कहा कि ग्रीन वर्टिकल वाल का छोटा-सा किन्तु महत्वपूर्ण कार्य आरंभ नहीं कराया जाना, कार्य के प्रति गंभीर ना होने का प्रमाण है। यदि निर्धारित समय सीमा में कार्य नहीं हुआ तो निलम्बन की कार्यवाही की जाएगी।
इसी प्रकार विभिन्न झोन क्षैत्रों में फुटपाथ निर्माण कार्य की गति अत्यन्त धीमी होने पर भी आपने नाराजगी व्यक्त की। निर्देशित किया कि सम्बंधित ठेकेदार को नोटिस जारी किया जाए।
जरूरी कामों की टाइम लिमिट तय
गौतम मार्ग चौड़ीकरण कार्यो के अन्तर्गत विद्युत पोल स्थापित किये जाने का कार्य 7 दिन में और नाली निर्माण सम्बधी कार्य 4 दिन में पूर्ण कराए जाने के निर्देश दिये। शनि मंदिर पहुंच मार्ग निर्माण 30 अक्टूबर तक, वैदिक घड़ी टावर कार्य 15 नवम्बर तक, शहर के विभिन्न 10 स्थानों पर फाउन्टेन स्थापित किये जाने का कार्य 10 दिन में पूर्ण कराया जाना सुनिश्चित करें। देवास रोड़ स्थित तरणताल निर्माण कार्य 26 नवम्बर तक पूर्ण होना है। निगम आयुक्त ने निर्देशित किया कि कार्य पर सतत नजर रखी जाए और नियमित प्रगति रिपोर्ट मुझे प्रस्तुत की जाए।
संजीवनी क्लिनिक जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट के प्रति भी उदासीनता ठीक नहीं है यदि कोई कठिनाई या समस्या हो तो अवगत कराया जाए तथा समाधान सुनिश्चित किया जाए। किन्तु बिना कुछ किये किसी भी प्रकरण को लम्बित रखना उचित नहीं है। आगामी बैठक में झोनवार प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए। बैठक में अधीक्षण यंत्री आर.आर. जारोलिया, कार्यपालन यंत्री श्री एन.के. भास्कर सहित झोनल अधिकारी, सहायक यंत्री एवं उपयंत्री उपस्थित रहे।