पारस जैने बोले- अगर मैं नहीं होता तो सिंहस्थ की जमीन को खा जाते लोग
उज्जैन (राजेश रावत)। भाजपा विधायक पारस जैन की नाराजगी अभी तक खत्म नहीं हुई है। बुधवार को भाजपा के दशहरा मिलने समारोह में शामिल होने वे नहीं गए। इसकी जानकारी लगने पर भाजपा के लोग उनके घर मनाने गए थे। परन्तु वे नहीं माने और अब पूरे मामले पर खुलकर बोले।
विधायक पारस जैने ने कहा कि उनका उत्तर विधानसभा से टिकट काटने का फैसला उनकी जानकारी के बगैर लिया गया है। यह फैसला भाजपा की दुकान चलाने वालों ने लिया है। अब उन्हें अपनी गलती का स्पष्टीकरण देना होगा। वे चाहें तो मुझे बुला सकते हैं। वे जानना चाहता हूं कि आखिर यह फैसला किस आधार पर और क्यों लिया गया है। उन्होंने वरिष्ठ नेताओं में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, मु यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, संगठन के हितानंद, प्रभारी मंत्री भूपेंद्र सिंह का नाम लिया है। यानी वे चाहते हैं कि इनमें से कोई उनसे बात करें या पूरे घटनाक्रम पर स्पष्टीकरण दे।
उनका कहना है कि भाजपा जिला या शहर अध्यक्ष उनका टिकट नहीं काट सकते हैं। इसलिए इन लोगों के स्पष्टीकरण से काम नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा मेरी पार्टी है और वे इसके लिए काम करते रहेंगे। विधायक जैन ने कहा कि मैने टिकट काटने के बाद अपनी बात फेसबुक पर पोस्ट करके लिख दी थी। इस पोस्ट को पढऩे के बाद सभी ने मेरी बात का समर्थन किया है। किसी ने भी नहीं कहा कि मैंने कुछ गलत किया है। उन्होंने कहा कि वे हमेशा से ही उज्जैन के हित की बात कहते रहे हैं।
उन्होंने कहा कि मैंने सिंहस्थ के लिए आवाज उठाई है। वर्ना यहां ऐसे लोग भी है जो सिंहस्थ की जमीन को खा जाते। पूरी जमीन को आवासीय करा लेते। मैंने हर स्तर पर उज्जैन के हित में काम करता रहूंगा। हो सकता है कि कुछ लोग पार्टी की वजह से मेरे साथ न खड़े हो। इससे मेरा हौंसला कम नहीं होगा। मैंने इतने साल जनता के लिए काम किया है। पचास लोग तो मेरे साथ खड़े हो ही जाएंगे। इतने लोगों के साथ में सडक़ पर आकर जनता की लड़ाई लड़ लूंगा। मैं पार्टी के साथ हूं और पार्टी के लिए काम करता रहूंगा। केवल गलत होने पर जनता के साथ खड़ा नजर आऊंगा।
उज्जैन उत्तर में मंडल अध्यक्ष से लेकर पूरी टीम पारस की
संगठन के स्तर पर भाजपा में इस समय सभी मंडल अध्यक्ष समेत ज्यादातर बूथ स्तर के पदाधिकारी भी विधायक पारस जैन के समर्थक बने हुए हैं। उनका टिकट कटने के बाद से संगठन स्तर पर काम तेजी से नहीं हो पा रहा है। इसकी सूचना भोपाल से दिल्ली तक पहुंचाई जा चुकी है। अनिल जैन कालूहेड़ा का ज्यादातर समय इन पदाधिकारियों को सक्रिय करने में जा रहा है। वहीं पार्षद और झोन अध्यक्ष के मामले में भी यही हो रहा है। सभी विधायक पारस जैन के समर्थक होने से वे भी पूरी तरह से उनके साथ बताए जा रहे हैं। हालांकि अभी तक किसी ने भी खुलकर अनिल जैन कालूहेड़ा का विरोध नहीं किया है।
लाईट, माइक और बिजली व्यवस्था के टेंडर में गड़बड़ी का आरोप
चुनाव आयोग द्वारा विधानसभा निर्वाचन 2023 में लाइट, माइक और बिजली व्यवस्था के टेंडर में डूडा के अफसरों पर गड़बड़ी का आरोप शिखा डेकोरेट्र्स के संचालक लक्ष्मीकांत सैनी ने लगाते हुए प्रेस को एक बयान जारी किया है। उन्होंने संभागायुक्त को भी इस संबंध में शिकायत भेजी है। इसमें आरोप लगाया है कि 14 लाख के बजट के स्थान पर चार करोड का बजट स्वीकृत कराया गया है।
उनका आरोप है कि उनकी दर कम होने के बाद भी उनकी फर्म का टेंडर नहीं खोला गया और अपनी चहेती फर्म का टेंडर खोला गया है। सैनी चुनाव आयोग को भी इसकी शिकायत की है। इस मामले में डूडा के अधिकारी अरूण शर्मा का कहना है कि सैनी ने 90 पैसे के स्थान पर 90 रुपए समझ लिया है। इससे चार करोड़ का टेंडर स्वीकृत होने की बाद की जा रही है। कोई भी गड़बड़ी नहीं की गई है।