-
माया त्रिवेदी महाकाल मंदिर से जुलूस के रूप में चामुंडा तक आई थी नामांकन भरने
-
चेतन यादव बाइक से पांच कार्यकर्ताओं के साथ होटल से निकले और फार्म जमा नहीं कर पाए
उज्जैन, अग्निपथ। कांग्रेस के उज्जैन उत्तर और दक्षिण के प्रत्याशी उत्साह और जोश के साथ नामांकन फार्म करने पहुंचे थे। परन्तु दोनों नेता नया फार्म आने की वजह से दो घंटे से ज्यादा समय की मशक्कत के बाद भी वे नामांकन फार्म जमा नहीं कर पाए। अब आज फिर से नामांकन जमा करने के लिए जाएंगे।
उज्जैन उत्तर की प्रत्याशी माया त्रिवेदी महाकाल दर्शन के बाद महाकालेश्वर मंदिर से जुलूस के रूप में निकली। उनका मंदिर के बाहर कांग्रेस नेताओं ने जोरदार स्वागत किया। वहीं जुलूस शहर के विभिन्न इलाकों से होता हुआ चामुंडा चौराहे तक निकला।
यहां से वे कोठी पर नामांकन के लिए पहुंची। जहां उनके साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजहुजूर सिंह गौर, अशोक भाटी, वकील अजय शंकर जोशी थे। बाद में आजाद यादव और अनंत नारायण मीणा को बुलवाया गया। इस दौरान वकील धर्मेद्र शर्मा भी पहुंचे गए। परन्तु उन्होंने डीएसपी क्राइम योगेंद्र सिंह तोमर ने निर्वाचन कक्ष में जाने से रोक दिया। उनका कहना था कि प्रत्याशी के साथ केवल तीन और लोग जा सकते हैं। इसलिए उनकी काफी देर तक डीएसपी तोमर से बहस होती रही।
डीएसपी तोमर ने शहर कांग्रेस अध्यक्ष रवि भदौरिया आदि को भी बाहर ही रोक दिया था। काफी जद्दोजहद के बाद पता चला कि जो फार्म भरा गया है वह पुराने फार्मेट का है। एडवोकेट धर्मेंद्र शर्मा ने बताया कि प्रारुप 28 को भरने की जानकारी मिली थी। इसके लिए समय आधा घंटा बचा था, इसलिए अब नया फार्म लेकर शुक्रवार को फिर से नामांकन फार्म भरा जाएगा।
उधर उज्जैन दक्षिण के प्रत्याशी चेतन यादव भी देवास गेट स्थित होटल अजय से 11 बजे के करीब पांच साथियों के साथ बाइक से निकले। रास्ते में वे अपना नामांकन फार्म लेने वकील संदीप मेहता के घर कम आफिस चले गए। वहां से आने में उन्हें दो घंटे लग गए। इस दौरान पूर्व विधायक बटुकशंकर जोशी समेत अन्य कांग्रेस नेता निर्वाचन कार्यालय पहुंच गए थे। देरी का कारण बताया गया कि चेतन यादव का एक एफिडेविट में टाइपिंग की गलती हो गई है। इसलिए नया एफिडेविट बनाया जा रहा है। करीब पौने तीन बजे तक लोग उनका इंतजार करते रहे। अंतत: सभी वापस लौट गए। बताया गया कि अब शुक्रवार को दोनों प्रत्याशी नामांकन फार्म जमा कराएंगे।
मीडिया को रोकने की कोशिश की फिर प्रशासन ने
आम तौर पर निष्पक्ष और पारदर्शी निर्वाचन के लिए प्रत्याशी के नामांकन के दौरान फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी किए जाने पर कोई रोक नहीं रहती है। परन्तु उज्जैन के निर्वाचन अफसरों को पता नहीं किस बात का डर है कि वे प्रत्याशियों के नामांकन प्रक्रिया को भी छिपाने के लिए मीडियो पर अंकुश लगाने के लिए अड़ गए थे। मीडियाकर्मियों के विरोध के बाद तीन वीडियोग्राफर और दो फोटोग्राफर को अनुमति दी गई।