भाजपा-कांग्रेस छोडक़र समर्थन में आए कई दिग्गज नेता
जावरा, अग्निपथ। राजनीतिक दलों की वादाखिलाफी से आहत करणी सेना के प्रदेश प्रमुख जीवन सिंह शेरपुर ने गुरुवार को हजारों समर्थकों के साथ रैली के रूप में जाकर जावरा विधानसभा से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में नामांकन पत्र भरा। इस दौरान भाजपा व कांग्रेस के भी कई पदाधिकारी व कार्यकर्ता सिंह के समर्थन में दिखाई दिए।
शहर के जागनाथ महादेव मंदिर पर गुरुवार सुबह करीब 10 बजे जीवन सिंह ने महादेव की पूजा अर्चना कर आरती उतारी। इस दौरान हजारों समर्थक रैली में शामिल होने जागृत महादेव मंदिर पहुंचे। आरती के बाद जीवन सिंह ने पुल बाजार से अपनी नामांकन रैली प्रारंभ की जो बजाज खाना, घंटाघर चौराहा, कोठी बाजार, कमानी गेट, नीम चौक, लक्ष्मीबाई मार्ग, रतलाम गेट, स्टेशन रोड, रेलवे फाटक चौराया आंटिया चौराहा, चौपाटी रोड होती हुई अनुविभागीय तथा रिटर्निंग अधिकारी कार्यालय पर पहुंची। जहां जीवन सिंह ने अपना नामांकन दाखिल किया। रैली में सैंकड़ों स्थान पर जन समुदाय ने पुष्पमाला पहनाकर जीवन सिंह का स्वागत किया।
भाजपा, कांग्रेस, जयस के साथ कई संगठन ने समर्थन दिया
नामांकन रैली में भाजपा छोड़ कर जीवन सिंह शेरपुर के समर्थन में आए पवन सोनी, विवेक पोरवाल, विश्वास शर्मा व पाटीदार समाज के प्रदेश अध्यक्ष, धनगर गायरी समाज के पदाधिकारी जयस व कॉग्रेस छोडक़र आए नेता व सर्व समाज के लोग नामांकन शामिल हुए।
80 सीटों पर प्रत्याशी उतारेगी करणी सेना
जीवन सिंह शेरपुर ने निर्दलीय चुनाव लडऩे के साथ ही मध्य प्रदेश की 80 विधानसभा सीटों पर करणी सेना के उम्मीदवार उतारने की घोषणा कर भाजपा और कांग्रेस के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। जावरा विधानसभा क्षेत्र में शेरपुर भाजपा के वर्तमान विधायक डॉ राजेंद्र पांडे और कांग्रेस के उम्मीदवार वीरेंद्र सिंह सोलंकी के सामने बड़ी चुनौती पेश करेंगे।
हम पांच साल में अस्पताल और स्कूलों की हालत सुधार देंगे: शेरपुर
नामांकन के बाद जीवन सिंह शेरपुर ने कहा कि यह चुनाव मैं नहीं क्षेत्र की जनता लड़ेगी। हम जो लड़ाई लड़ रहे हैं यह खाली विधायक बनने के लिए नहीं है। जिन मूलभूत सुविधाओं से अभी तक हम वंचित हैं उनको अपने विधानसभा में लाकर पूरे प्रदेश में लागू करना है। दोनों दलों के नेता लोगों को गुमराह करते आए हैं। जावरा अस्पताल में कोई गंभीर मरीज आता है उसे रतलाम रेफर करना पड़ता है और रतलाम से भी वडोदरा,अहमदाबाद ले जाना पड़ता है जबकि करोड़ों रुपए की लागत से यहां पर मेडिकल कॉलेज बनाए हुए हैं।
जब तक कोई जनप्रतिनिधि ऊपर जाकर आवाज नहीं उठाएगा इन पर प्रश्न चिह्न नहीं लगाएगा तब तक इन चीजों पर सुधार नहीं आएगा। आपकी बात सडक़ से सदन तक पहुंचाई जाएगी। आपको लगता है कि यहां हॉस्पिटल अच्छे नहीं है स्कूल अच्छे नहीं है तो आप हमारे साथ आइए हम 5 सालों में सारे स्कूल और सारे हॉस्पिटलों की हालत सुधार देंगे। हम उन विधायकों जैसे नहीं हैं जो बड़े बड़े नेताओं-मुख्यमंत्री के सामने सिर झुका लेते हैं। मुख्यमंत्री की आंखों में आंखें डालकर काम लेंगे।