महाकाल मंदिर: ऑनलाइन दर्शन अनुमति फुल होने पर राजस्थान के श्रद्धालुओं ने किया हंगामा

उज्जैन। श्री महाकालेश्वर मंदिर में रविवार से 3 दिन तक भीड़ का उमडऩा जारी है। सोमवार को ऑनलाइन अनुमति नहीं मिलने पर कुछ श्रद्धालुओं ने प्रशासनिक कार्यालय पर जाकर हंगामा करने का प्रयास किया। जिसको कार्यालय अधीक्षक और आईटी शाखा प्रभारी ने समझा बुझाकर रवाना किया।

महाकालेश्वर मंदिर में रविवार से श्रद्धालु बड़ी संख्या में भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए मंदिर आ रहे हैं। सोमवार को भी यही स्थिति रही। सुबह से ही बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए मंदिर पहुंच गए थे। शंख द्वार, वीआईपी गेट, मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु खचाखच भरे हुए दिखाई दिए। ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भी श्रद्धालुओं की लंबी लाइन मंदिर प्रांगण में लगी हुई थी। यही हाल मंदिर प्रांगण में स्थित सभी छोटे मंदिरों का भी था। सामान्य और वीआईपी जूते चप्पल स्टैंड और क्लॉक रूम पर भी श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगी हुई दिखाई दी। किसी भी तरह से श्रद्धालु भगवान महाकाल की एक झलक पाने के लिए बेताब दिखे।

लड्डू प्रसाद के ठिकाने नहीं

एक समाचार पत्र में 2 दिन पूर्व अधिकारियों ने भ्रामक बयान देकर बताया था कि लड्डू प्रसाद लगभग 60 क्विंटल बना रखा हैं। जिसे रविवार, सोमवार मंगलवार के दिन की आपूर्ति आसानी से कर लेंगे। लेकिन सोमवार को लड्डू प्रसाद काउंटर से लगभग 4 घंटे अलग-अलग समय पर मंदिर के काउंटरों से नदारद दिखे। श्रद्धालु लड्डू प्रसाद काउंटर कर्मियों से प्रसाद का पूछ-पूछ कर अपने घर खाली हाथ वापस जा रहे थे। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि लड्डू प्रसाद से जुड़े अधिकारियों का अनुमान कितना गलत रहा। आगामी माह में शिवरात्रि महापर्व का आगाज होने वाला है। इस दौरान बड़ी संख्या में लड्डू प्रसादी की खपत होगी। यही हाल रहा तो ना तो मंदिर की आय हो पाएगी और ना ही श्रद्धालुओं को लड्डू प्रसादी मिल पाएगी।

भीड़ को हटाने के लिए कोई तैनात नहीं

सोमवार को महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण और मंदिर के आसपास दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं का जमावड़ा होता रहा। श्रद्धालु मोबाइल से सेल्फी लेते हुए मंदिर प्रांगण में जमा होते रहे। इनको बाहर निकालने के लिए ना तो सुरक्षाकर्मी और ना ही पुलिसकर्मी तैनात दिखे। सुरक्षाकर्मियों द्वारा केवल अनाउंस करके खानापूर्ति की जाती रही।

दो बजे अनुमति बंद

दोपहर 2 बजे 28000 ऑनलाइन दर्शन अनुमति फुल हो चुकी थी। राजस्थान के 8 की संख्या में श्रद्धालु भस्मारती काउंटर पर पहुंचे और दर्शन अनुमति बनाने का निवेदन करने लगे।
काउंटर कर्मियों ने जब उनको बताया कि ऑनलाइन दर्शन अनुमति फुल हो चुकी है और 250 का टिकट खरीद कर ही भगवान महाकाल के दर्शन हो सकेंगे तो उन्होंने भस्मारती काउंटर पर विवाद करना और हंगामा करना शुरू कर दिया। इस दौरान वे प्रशासनिक कार्यालय भी पहुंच गए। प्रशासनिक कार्यालय के नीचे खड़े कार्यालय अधीक्षक प्रेम उदैनिया और आईटी शाखा प्रभारी राजकुमारसिंह वहां पहुंचे। श्रद्धालुओं का कहना था कि आनलाइन दर्शन अनुमति की उनको जानकारी नहीं है। कार्यालय अधीक्षक और आईटी शाखा प्रभारी ने श्रद्धालुओं को किसी तरह से शांत कराया। सभी शिखर दर्शन कर वापस लौट गए।

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