रविवार सुबह तक नए कार्य, वाहन-संपत्ति खरीदी के लिए विशेष मुहुर्त
उज्जैन, अग्निपथ। भारतीय ज्योतिष शास्त्र में 27 नक्षत्र में पुष्य नक्षत्र को नक्षत्र का राजा बताया गया है। ऐसी भी मान्यता है कि यह नक्षत्र सभी मांगलिक कार्यों जैसे- नए वाहन की खरीदी, स्वर्ण खरीदी, मूर्ति की खरीदी, किताबों की खरीदारी, भवन और संपत्ति की खरीदी में शुभ माने जाते हैं। इस बार शनिवार और रविवार को दोनों दिन 27 घंटे पुष्य नक्षत्र का संयोग रहेगा।
दीपावली के पहले इस बार खरीदारी का शुभ मुहूर्त पुष्य नक्षत्र का समय 2 दिन रहेगा। शनिवार को प्रात: 8 बजे से लगने वाला पुष्य नक्षत्र रविवार के दिन प्रात: 11 बजे तक रहेगा। नक्षत्र के लिए उदय काल से अस्त काल तक की मान्यता है। ज्योतिषाचार्य पं. अमर डिब्बेवालाा ने बताया कि भारतीय ज्योतिष शास्त्र में योगों का बड़ा महत्व है। यदि कोई पर्व काल या विशेष माह या विशेष त्योहार के पूर्व नक्षत्र के साथ दिनों का शुभ संयोग बनता है, तब विशेष प्रकार का योग निर्मित होता है। रविवार के दिन भी पुष्य नक्षत्र का प्रभाव होने से यह सर्वार्थ सिद्धि योग कहलाएगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में सभी कार्य सिद्ध होते हैं।
नया कार्य, नया वाहन, संपत्ति खरीदी के लिए श्रेष्ठ
सर्वार्थ सिद्धि योग में सभी कार्य सिद्ध होते हैं। खरीदारी से लेकर पॉलिसी बैंकिंग आदि के लिए इसको शुभ माना जाता है। साथ ही नए व्यापार की शुरुआत, नई दुकान या नए प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए भी यह समय उपयुक्त माना जाता है। निवेश के मान से भी इस समय को सकारात्मक बताया गया है। सोच समझकर निवेश तथा कार्य की प्रगति के संबंध में सोच विचार कर आगे बढऩे से लाभ भी मिलेगा। वहीं इलेक्ट्रॉनिक, सामान, मशीन, संपत्ति, भवन, भूमि, निवेश की योजना, निवेश के प्रोजेक्ट, पॉलिसी, बैंक एफडी, मूर्तियां, चांदी सोने के सिक्के, आभूषण आदि की खरीदारी दोनों ही दिन की जा सकती है।