आधा दर्जन गांवों के किसानों ने कार्यपालन यंत्री कार्यालय पहुंचकर दी आंदोलन की चेतावनी
शाजापुर, अग्निपथ। बार-बार तार टूटने, गंभीर हादसे की संभावना और बिजली के अभाव में सिंचाई के अभाव को लेकर बुधवार को करीब आधा दर्जन गांवों के किसान और ग्रामीणों ने कार्यपालन यंत्री कार्यालय पहुंचकर जमकर हंगामा किया और चेतावनी दी कि यदि दो दिन में समस्या का समाधान नहीं किया गया तो हम मतदान का बहिष्कार करेंगे और यहां आंदोलन भी।
दरअसल गोपीपुर लोहरवास, चौंसला, छतगांव सहित करीब आधा दर्जन से अधिक गांवों में इन दिनों बिजली की समस्या बनी हुई हैं। इन दिनों रबी फसल की सिंचाई की जा रही है, लेकिन किसानों को केवल 10 में से 1 या डेढ़ घंटे ही लाईट मिल पा रही है। कई दिनों से हम लोग शिकायत कर रहे हैं लेकिन अधिकारी केवल आश्वासन देकर मामले को टाले जा रहे हैं। किसानों ने यह भी बताया कि छतगांव में तार टूटकर गिर रहे हैं और वहां बार-बार फाल्ट हो रहा है।
हमने इसकी भी शिकायत की लेकिन इनके पास बदलने के लिए तार भी मौजूद नहीं है। जबकि मेट्रो ट्रेन के लिए अरबों के तार खरीदे जा रहे हैं, लेकिन हम लोगों के लिए इनके पास तार उपलब्ध नहीं है। वहीं जो तार टूटकर गिर रहे हैं उन्हें भी सुधारने का इनके पास समय नहीं है और इन लोगों को किसी बड़े हादसे का इंतजार है। इसके बाद किसानों और ग्रामीणों ने एक ज्ञापन भी सौंपा जिसमें समस्या समाधान की मांग की गई। साथ ही चेतावनी भी दी कि यदि दो दिन मे समस्या का समाधान नहीं किया गया तो आने वाले मतदान का तो हम बहिष्कार करेंगे ही। साथ ही यहां आकर भी बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
9 बजे से कर रहे इंतजार, 2 बजे पहुंचे अधिकारी
अपनी समस्या को लेकर पहुंचे किसान व ग्रामीण सुबह 9 बजे से कार्यपालन यंत्री के कार्यालय पहुंच गए थे। जहां पता चला कि साहब व्यसत हैं। जिसके चलते किसानों ने बाहर खड़े होकर उनका इंतजार किया। लेकिन दोपहर 1.30 बजे तक भी जब अधिकारी नहीं पहुंचे तो वे आक्रोशित हो गए। हालांकि कुछ देर बाद कार्यपालन यंत्री ने उनकी बात सुनी और कहा कि आपकी समस्याओं को लेकर हमने वरिष्ठ कार्यालय अवगत करवा दिया है और जल्द ही समस्या का समाधान कर दिया जाएगा।\
किसानों ने ज्ञापन सौंपकर शिकायत की है कि उनके यहां ट्रांसफार्मर खराब होने, तार टूटने और कटौती की समस्या है। इसके लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करा दिया है। किसानों की समस्या का जल्द ही समाधान किया जाएगा। रही बात देरी से मिलने की तो हमारी अंदर मीटिंग चल रही थी। मीटिंग छोडक़र मैं किसानों से मिलने गया था। – रतनेश अयाची, कार्यपालन यंत्री, बिजली कंपनी-शाजापुर