बेटी के दोस्तों ने घर का ताला खोल की थी चोरी

नागेश्वरधाम में हुई लाखों की चोरी का खुलासा, शहडोल के हैं आरोपी

उज्जैन, अग्निपथ। नागेश्वरधाम कालोनी में हुई लाखों की चोरी का शुक्रवार को पुलिस ने खुलासा कर दिया। चोरी को परिवार की डॉक्टर बेटी के दो दोस्तों ने अंजाम दिया था। दोनों को बाइक नंबर से मिले सुराग के बाद आरोपियों को शहडोल से गिरफ्तार किया गया है। आरोपियों से 10 लाख से अधिक के आभूषण बरामद कर लिये गये है।

31 अक्टूबर को चिमनगंज थाना पुलिस ने नागेश्वरधाम कालोनी में रहने वाले डॉ. राघवेंद्र कुमार द्विवेदी की शिकायत पर घर की पेटी में रखे लाखों के आभूषण और 20 हजार रूपये चोरी होने का प्रकरण दर्ज किया था। जांच में सामने आया था कि चोरी को मकान और पेटी का ताला खोलकर अंजाम दिया गया है। जिसका पता परिवार को घटना के चार दिन बाद चला था। पुलिस को संदेह था कि चोरी को किसी परिचित या परिवार के सदस्य ने अंजाम दिया है।

सीसीटीवी ने दिया सुराग

पुलिस ने आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज खंगाले। जिसमें 9 अक्टूबर को दोपहर के समय एक नकाबपोश युवक पैदल मकान में और कुछ देर बाद ही वापस कालोनी के बाहर आकर दूसरे नकाबपोश साथी के साथ बाइक पर बैठता जाता दिखाई दिया। पुलिस ने बाइक नंबर ट्रेस किया। बाइक इंदौर में रहकर पढ़ाई करने वाले शहडोल निवासी अमन मांझी के नाम से होना सामने आई।

पुलिस ने इंदौर शीतलनगर से अमन को हिरासत में लिया। पूछताछ में उसने 9 अक्टूबर को शहडोल से आये अपने दोस्त शुभम मांझी और मोहम्मद इमरोज द्वारा लेकर जाना बताया। पुलिस दोनों को तलाश में शहडोल पहुंची। जहां दोनों के हाथ आते ही चोरी का खुलासा हो गया। पुलिस ने उनकी निशानदेही पर 10.50 लाख से अधिक के आभूषण बरामद किये। पुलिस आरोपियों को उज्जैन लेकर आई। शुक्रवार को एएसपी गुरूप्रसाद पाराशर ने मामले का खुला किया।

बेटी के दोस्त हैं आरोपी

नागेश्वरधाम कालोनी में रहने वाले डॉ. राघवेंद्र द्विवेदी निर्मला इंटरनेशल स्कूल में प्रिंसिपल हैं, उनकी पत्नी शिक्षिका हैं। दोनों की दो बेटियां है, जिसमें से एक शहडोल से एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है। उसकी पहचान शहडोल में किराये टैक्सी संचालित करने वाले मोहम्मद इमरोज से हो गई थी। जिसका ड्रायवर शुभम मांझी था। बेटी के उज्जैन आने पर दोनों उसे छोडऩे के लिये आते थे। इस दौरान दोनों ने द्विवेदी परिवार से अच्छे संबंध बना लिये थे। शहडोल में भी उनकी बेटी को कॉलेज से अस्पताल तक छोडऩे जाते थे। पूर्व में 2-3 बार उज्जैन आने पर वह डॉ. राघवेंद्र द्विवेदी के यहां रूके थे। इस दौरान पूरे परिवार और घर की जानकारी उन्हे हो गई थी। परिवार उन्हे घर का सदस्य मानने लगे थे। इसी का फायदा दोनों ने उठाया।

ऐसे पता चला था चोरी का

13 अक्टूबर को नागेश्वरधाम कालोनी के कुछ युवा द्विवेदी परिवार के यहां चंदा मांगने पहुंचे थे। डॉ. राघवेंद्र कुमार ने चंदा देने के लिये पेटी खोली, जिसमें आभूषणों के साथ रखे 20 हजार रुपयों की थैली गायब थी। संदेहास्पद तरीके लाखों के आभूषण और नगदी चोरी होने पर वह हैरान हो गये। चिमनगंज थाना पुलिस को शिकायत करने पर पुलिस ने भी संदेह जताया और बिना मकान और पेटी का ताला टूटने पर किसी परिचित का हाथ होने की शंका जताई थी। पुलिस ने मामला जांच में लिया था और 31 अक्टूबर को प्रकरण दर्ज किया था। कालोनी में लगे कैमरों के फुटेज देखने पर 9 अक्टूबर के सामने आये थे।

न्यायालय में किया पेश

चिमनगंज थाना प्रभारी आनंद तिवारी ने बताया कि मामले का खुलासा होने पर दोनों आरोपियों को शुक्रवार दोपहर न्यायालय में पेश किया गया है। एक दिन की रिमांड पर पूछताछ की जाएगी। मामले का खुलासा करने में एसआई एसएस मंडलोई, प्रधान आरक्षक सुनील परमार, नितिन चौहान, आरक्षक सुनील बिठौरे और महिला आरक्षक प्रभा दुबे की भूमिका रही।

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