कक्का जी के बिगड़े बोल पर भडक़े जाट समाज के लोग, विरोध का सामना करना पड़ा

किसान मजदूर बचाओ यात्रा के दौरान शिवराज को कलंकी सीएम और मोदी को कारपोरेट समर्थक बताया

उज्जैन, अग्निपथ। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के बैनर तले किसान मजदूर बचाओ यात्रा लेकर उज्जैन आए शिव कुमार उर्फ कक्काजी के बिगड़े बोल पर जाट समाज के लोग भी भडक़ गए। कक्काजी ने जैसे ही यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत के खिलाफ आरोप लगाए। जाट समाज के लोग नाराज हो गए और उन्हें खरी-खरी सुना दी। वहीं अन्य जाट समाज के लोगों ने उनके बयान पर आपत्ति जताई और कहा कि किसी के ऊपर कीचड़ उछालने की राजनीति नहीं की जानी चाहिए।

दरअसल कक्काजी ने जाट समाज की धर्मशाला में प्रेसवार्ता का आयोजन किया था। इस दौरान उन्होंने भारतीय किसान यूनियन और यूपी के किसान नेता राकेश टिकैत को के विषय में टिप्पणी कर दी कि वे किसान आंदोलन को भाजपा की तरफ से समाप्त कराने की कोशिश कर रहे थे। वे भाजपा के साथ मिलकर किसानों के आंदोलन को नुकसान पहुंचा रहे थे। यूपी में टोल नाके बंद नहीं हुए। उन्होंने लाखों रुपए टोल संचालकों से ले लिए।

वे अनौपचारिक चर्चा के दौरान यह बात बोल रहे थे। इस दौरान जाट समाज के गोर्वधन जाट भी जाट समाज की धर्मशाला में मौजूद थे। जाट नेता टिकैत की बुराई सुनते ही वे कक्का जी पर भडक़ गए और बोले की जिस समाज की धर्मशाला बैठे हैं उस समाज के नेता की बुराई क्यों कर रहे हैं। आप यहां राजनीति न करें। आप चुनाव के समय ही यात्रा क्यों निकालते हैं और किस दल से कितना पैसा लिया है यह आरोप जाट समाज भी आपके खिलाफ लगा सकता है।

इस पर उपस्थित अन्य लोग बीच -बचाव के लिए आए। कक्का जी ने कहा कि वे गलत नहीं बोल रहे हैं। यूपी में किसान आंदोलन के समय टोल क्यों बंद नहीं हुए। इसका जबाव किसान नेता को देना चाहिए। हालांकि बाद में मामला शांत हो गया था। इश दौरान उन्होंने मु यमंत्री शिवराज को किसान विरोधी बताते हुए कलंकी सीएम भी बताया। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कारपोरेट समर्थक बताया। उन्होंने कहा कि मोदी 22-23 व्यापारियों के हितों में काम करते हैं। किसानों को नुकसान पहुंचाते हैं। उनकी सरकार में किसानों के विरोध में लगातार कानून बनाए हैं।

18 साल की सरकार बनाम 18 माह की सरकार का रिपोर्ट कार्ड

कक्का जी ने बताया कि 3 अक्टूबर 2023 को किसान मजदूर यात्रा शुभारंभ किया गया था। उज्जैन में यात्रा का 45वां जिला है। यात्रा का उद्देश्य बताते हुए उन्होंने कहा कि किसानों की 161 मांगों और दो बुलेट मांगों से जनता को अवगत कराना और 18 साल की शिवराज सरकार और 18 महीने की कांग्रेस सरकार का रिपोर्ट कार्ड किसानों के बीच दिखाना है। दोनों के काम को देखकर देश के 110 करोड़ आधा एकड़ से पांच एकड़ जमीन के मालिक किसान और खेती-किसानी से जुड़े लोग यानी मध्यम वर्ग रिपोर्ट कार्ड के आधार पर खुद फैसला करे कि उसे किस राजनीतिक दल को वोट देना है।

उन्होंने कहा कि अब उनकी यात्रा को कांग्रेस समर्थित बताया जा रहा है। पहले कांग्रेस के लोग उनके द्वारा आवाज उठाए जाने को भाजपा और संघ समर्थित बताता था। परन्तु वे किसानों के लिए आवाज उठाते हैं और उसी राजनीतिक दल का समर्थन करेंगे, जो किसानों की मांगों को हल करने के लिए आगे आएगा। उन्होंने कहा कि किसान मजदूर यात्रा 5000 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। 15 जिलों में किसान स मेलन का आयोजन किया जाएगा।

मप्र में नकली यूरिया,बीज माफिया भाजपा से जुड़ा

कक्काजी ने प्रेसवार्ता में खुलकर आरोप लगाते हुए कहा कि मप्र में नकली यूरिया, बीज, कीटनाशक का विक्रय धड़ल्ले से हो रहा है। सरकार खुद ही नकली बीज को खरीदकर किसानों को बेचने में लगी हुआ है। अभी ऐसे ही एक मामले का 200 करोड़ रुपए उनके विरोध की वजह से अटका हुआ है। उन्होंने कहा कि भाजपा से जुड़े लोग नकली खाद, बीज और कीटनाशक के रैकेट से जुड़े हुए हैं। पूरे प्रदेश में 16 लाख से ज्यादा प्रकरण लंबित हैं।\

बीमा माफिया को शिवराज सरकार ने दिया लाभ

कक्काजी ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश में बीमा माफिया सक्रिय है। कलेक्टर पर दबाव बनाकर यह माफिया किसानों की 100 प्रतिशत की नुकसानी को 30 प्रतिशत के दर्शाता है। पटवारी इस काम में कलेक्टर के कहने पर काम करता है किसानों को उसके नुकसान का सही लाभ नहीं मिल पाता है। उन्होंने कहा कि किसान का उपज मंडी में शोषण होता है।

उन्होंने बीटी सरसों समेत अन्य फसलों के परीक्षण को तत्काल बंद करने की मांग करते हुए कहा कि सरकार का ध्यान किसानों की जमीन पर कब्जा करने की तरफ है। लगातार आयात बढ़ाकर किसानों को पंगु बनाने की योजना पर प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी काम कर रहे हैं। मप्र सरकार ने जमीन अधिगृहण का मुआवाजा दो गुना किया है। जबकि देश के अन्य राज्यों में मुआवजा चार गुना दिया जा रहा है।

किसान नेता कक्काजी किसानों के लिए अच्छा काम कर रहे हैं। उनके योगदान को कम नहीं किया जा सकता है। परन्तु जब वे अपनी बात कहते हैं तब उन्हें यह ध्यान रखना चाहिए कि वे अन्य किसानों के खिलाफ कोई बयान न दें। इससे दूसरे किसान नेताओं का महत्व कम न हो। कक्काजी ने किसान नेता टिकैत के खिलाफ जो बात कही है। वह गलत है और जाट समाज उनकी बात का समर्थन नहीं कर सकता है। क्योंकि राकेश टिकैत ने भी किसानों की आवाज बनकर बहुत काम किया है।

-भंवरलाल मुकाती, जाट समाज और धर्मशाला के उपाध्यक्ष

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