18 महीने रहता है ट्रेनिंग पीरियड, जनकल्याणकारी योजनाओं
उज्जैन, अग्निपथ। सख्याराजे प्रसूतिगृह के पास में स्थित पुराने नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में अब एएनएम नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर और छात्रावास संचालित किया जा रहा है। यहां पर एएनएम (मल्टीपरपस हेल्थ वर्कर) नर्स की ट्रेनिंग विगत साढ़े तीन साल से ज्यादा समय से नहीं हो पाई है। स्वास्थ्य विभाग में वैसे ही मेन पॉवर की कमी है। ऐसे में शासन की रूरल एरिया में काम करने वाली एएनएम की ट्रेनिंग नहीं होने से स्वास्थ्य सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। उज्जैन का एएनएम नसिंग ट्रेनिंग सेंटर खाली पड़ा हुआ है।
सुदामा नगर रोड पर पुराने नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर में अब एएनएम को ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन यह ट्रेनिंग विगत साढ़े तीन साल से अधिक समय से बंद पड़ी हुई है। इसके पीछे का कारण यह देखने में आया है कि ढाई साल तो कोरोना से लड़ते निकल गये। वहीं दूसरी ओर हाल ही में सीबीआई नर्सिंग कॉलेजों की जांच में लगी हुई है। ऐसे में ट्रेनिंग बंद पड़ी हुई है। सीबीआई जांच पूरी होने के बाद ही ट्रेनिंग पर लगा प्रतिबंध हट पायेगा और यहां पर ट्रेनिंग फिर से शुरू हो पायेगी। हालांकि हाईकोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई ने मामले की जांच शुरू की है। यह तब तक चलेगी, जब तक जांच पूरी नहीं हो पाती और माननीय कोर्ट फिर से ट्रेनिंग शुरू करने की इजाजत नहीं दे देता।
छात्रावास खाली पड़ा हुआ
विगत साढ़े तीन साल से अधिक समय से ट्रेनिंग नहीं होने के कारण यहां का छात्रावास भी खाली पड़ा हुआ है। केवल यहां पर प्रिंसिपल, वार्ड बॉय, गाई, चपरासी को मिलाकर 10-12 कर्मचारियों का स्टाफ आकर नौकरी कर रहा है। ज्ञात रहे कि एएनएम की ट्रेनिंग नहीं होने से रूरल (ग्रामीण) क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं बढऩे की जगह घट रही हंै। एएनएम का काम मेटरनल चाइल्ड केयर और वृद्ध केयर करना है।
18 महीने होती है ट्रेनिंग
यहां पर एएनएम की परीक्षा पास करने वाली नर्सिंग ट्रेनिंग सेंटर पर 18 महीने की मल्टीपरपस ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान इनको 2500 रुपये स्टॉयफंड दिया जाता है। इसके बाद इनको फील्ड में भेज दिया जाता है। सन 2020 से यहां पर एएनएम की ट्रेनिंग नहीं हो पाई है। ऐसे में अनुमान लगाया जा सकता है कि शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं में सबसे आगे रहने वाली एएनएम की ट्रेनिंग पूरी नहीं होना रूरल एरिये में स्वास्थ्य सुविधाओं में कमी ला रहा है।