निगमायुक्त ने मांगा अपर आयुक्त (वित्त) से स्पष्टीकरण
उज्जैन, अग्निपथ। गौमाताओं के भोजन में भी भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर निगमायुक्त रोशन सिंह जी ने अपने ही मातहत अपर आयुक्त आदित्य नागर अपर आयुक्त (वित्त) को स्पष्टीकरण देने हेतु सूचना पत्र जारी किया है।
सुसनेर जिला आगर स्थित श्री संस्कार एजेंसीज के संचालक ने माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर कपिल गौशाला उज्जैन के लिये जारी निविदा की नियम विरुद्ध स्वीकृति करने एवं बाजार मूल्य से कयी गुना अधिक दरों पर सामग्री लेने की गंभीर शिकायत की थी।
क्या है शिकायत
(1) बगैर शासकीय अनुभव वाली फर्म की वर्तमान बाजार मूल्य की दरों से कई गुना अधिक दरें निगम द्वारा स्वीकृत की गयी।
(2) निगम के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा अपने निजी स्वार्थ हेतु एक ही फर्म को निविदा दिये जाने के लिये षड्यंत्रपूर्वक निविदा नियमों के विरुद्ध शर्तें डाली गयी।
(3) नगर पालिक निगम उज्जैन में सहायक लेखाधिकारी पद पर पदस्थ श्रीमती सरिता रत्नाकर (मांडवे) के पति की फर्म गगन रत्नाकर की निविदा स्वीकृत कर दी गयी जबकि नियम है कि निगम में कार्यरत कर्मचारी का परिवार निगम द्वारा जारी किसी भी निविदा में भाग नहीं ले सकता है।
(4) निविदा चूँकि 3 करोड़ से अधिक की थी इस कारण महापौर से स्वीकृति ली जानी थी जो नहीं ली गयी।
निगम के खजाने पर डाका
शिकायतकर्ता सुसनेर की फर्म ने बताया कि जनता के गाढ़े खून पसीने की कमाई पर किस तरह डाका डाला गया जिसकी बानगी नीचे दी जा रही है।
निगमायुक्त ने माँगा स्पष्टीकरण
आयुक्त रोशन सिंह जी ने 3 नवंबर को अपर आयुक्त (वित्त) आदित्य नागर को पत्र भेजकर कपिला गौशाला के पशु आहार निविदा में की गई अनियमितता व अधिक मूल्य की स्वीकृति कर निगम को राजस्व हानि एवं निगम कर्मचारी के पति के नाम निविदा स्वीकृति के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा है।
और क्या है पत्र में
अपर आयुक्त (वित्त) से मांगे गये स्पष्टीकरण में गत वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत से लेकर 430 प्रतिशत अधिक पर निविदा समिति की अनुशंसा बिना किसी उचित कारण के स्वीकृत करने का कारण पूछा गया है।
निविदाकार गगन रत्नाकर ठेकेदार को एकल निविदा के आधार पर कई गुना अधिक दर पर निविदा स्वीकृत की गयी। निविदा 3 करोड़ से अधिक की थी ऐसे में 50 लाख टर्न ओवर का प्रस्ताव नियम विरुद्ध रचित करके निविदा स्वीकृत करने पर भी स्पष्टीकरण माँगा गया है।
निगम आयुक्त ने उपरोक्त बिंदुओं पर विस्तृत स्पष्टीकरण उचित दस्तावेजों के साथ प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया है एवं नियम विरुद्ध निविदा कार्रवाई एवं अनुशंसा के लिये उचित जवाब प्रस्तुत न करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने एवं निगम को हुई राजस्व हानि की वसूली प्रस्तावित किये जाने का भी हवाला दिया है।