मामला पीएम आवास योजना में फर्जी आवंटन का
उज्जैन, अग्निपथ। पीएम आवास योजना में फर्जी आवंटन किये जाने के मामले में लोकायुक्त ने शिकायत प्राप्त होने के बाद शनिवार को नगर निगम के 8 अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम का मामला दर्ज किया है। लोकायुक्त ने 2 अन्य मामलों में प्रकरण दर्ज किये है।
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक अनिल विश्वकर्मा को एक माह पहले शनि मंदिर के पास मक्सीरोड पर रहने वाली ज्योति शर्मा द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि नगर पालिका निगम के कार्यापालन यंत्री पीसी यादव, झोन प्रभारी-2 के साहिल मैदावाला, राजकुमार राठौर, समयपाल भगवानसिंह चौधरी द्वारा फर्जी भू-स्वामित्व के दस्तावेजों को आधार बनाकर हितग्राही गोरधन पिता देवीसिंह, रामसिंह और सुगनबाई को प्रधानमंत्री आवास योजना में अवैध तरीके से आवास आवंटित कर शासर की राशि का गबन किया है।
शिकायत की जांच के बाद लोकायुक्त ने साहिल मैदावाला सहायक यंत्री, राजकुमार राठौर उपयंत्री, सौ या चतुर्वेदी उपयंत्री, हर्ष जैन सहायक यंत्री, और भगवानसिंह चौधरी समयपाल नगर पालिक निगम उज्जैन द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के एक ही परिवार के अपात्र हितग्राही गोरधन पिता देवीसिंह, उसके पुत्र रामसिंह और पत्नी सुगनबाई पति देवीसिंह को फर्जी भू-स्वामित्व दस्तावेजो के आधार पर प्रधानमंत्री आवास योजना की राशि 6 लाख 2 किश्तो में अवैध रूप से आवंटित कर अपने-अपने पद का दुरूपयोग करते हुए शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाई गई है।
शिकायत में सामने आये तथ्यों के आधार पर सभी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का प्रकरण दर्ज किया गया है। साथ ही तत्कालीन लिपिक पी.एम.ए.वाय कार्यालय नगर पालिक निगम उज्जैन, उपयंत्री पी.एम.ए.वाय कार्यालय नगर पालिक निगम, सहायक यंत्री पी.एम.ए.वाय कार्यालय नगर पालिक निगम, कार्यपालन यंत्री पी.एम.ए.वाय सेल, अधीक्षण यंत्री पी.एम.ए.वाय सेल के साथ-साथ नोटरी अधिवक्ताओं की संलिप्तता के संबंध में भूमिका की जांच शुरू की गई है।
विकास विस्तार अधिकारी, सचिव और रोजगार सहायक पर केस
लोकायुक्त कार्यालय ने 2 माह पहले मिली शिकायत की जांच के बाद ग्राम पंचायत लसुडिया जगमाल जनपद पंचायत मोहन बडोदिया के विकास विस्तार अधिकारी मजहर खान, सचिव भगवानसिंह गुर्जर और रोजगार सहायक सचिव राहुल के खिलाफ भी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम का मामला दर्ज किया है। लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना में निर्माण कार्य कराए बिना तीनों ने राशि का गबन किया है। तीनों ने पद का दुरूपयोग कर 1 लाख 20 हजार का गबन किया है। जिससे शासन को आर्थिक नुकसान पहुंचा है। विकास विस्तार अधिकारी मजहर खान सेवानिृत्त हो चुका है।