उज्जैन, अग्निपथ। करोड़ों रुपए के लेकोड़ा गबन कांड मामले में केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी विशेष श्रीवास्तव पर गाज गिर गई है। ऐन चुनाव के पहले उनका तबादला उज्जैन से शाजापुर कर दिया गया है। रविंद्र दुबे को उज्जैन में प्रभारी अधिकारी बनाया गया है। इस मामले में लेकोड़ा सहकारी सेवा समिति के प्रबंधक निशिकांत चौहान के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। अभी वे जमानत पर चल रहे हैं।
बताया जाता है कि मामले में राजनीतिक संरक्षण के मामले की खबर से फिर से यह मामला उठने लगा है। दुबे का कहना है कि वे चुनाव की ड्यूटी में व्यस्त हैं। अभी मामले को देख नहीं पाए हैं। राजनीतिक संरक्षण एक पत्र वायरल हो रहा है। उसकी जानकारी उन्हें नहीं है। चुनाव के बाद वे इस मामले को देखेंगे।
गौरतलब है कि लेकोड़ा सेवा सहकारी सोसायटी में प्रबंधक निशिकांत चौहान ने किसानों खातों में पैसा न डालकर घोटाला किया था। घोटाला उजागर होने के बाद कलेक्टर निर्देश पर एक माह तक जांच हुई थी। इसमें पांच करोड़ के घोटाला की पुष्टि हुई थी। चौहान पर 341 किसानों के खातों में गड़बड़ी करने की पुष्टि हुई थी। इसके अलावा सोसायटी के 400 किसानों के खातों की जांच की जा रही है।
उस समय केंद्रीय सहकारी बैंक के एमडी विशेष श्रीवास्तव ने बताया था कि मामला सामने आने के बाद केंद्रीय सहकारी बैंक के प्रबंधक राजेश सिंह कुशवाह ने मामले की जांच की थी। जांच के बाद चिंतामण थाने में बैंक की तरफ से एफआईआर कराई गई थी। 41 किसानों में से पांच किसानों के खातों में साढ़े नौ लाख रुपए की गड़बड़ी सामने आई थी। उसके आधार पर निशिकांत चौहान के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई थी। एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद एक जांच समिति बनाई गई थी।
इसके आधार पर मिले आवेदन और संदिग्ध लेने देने वाले खातों की जांच की जा रही है। चुनाव के चलते अभी जांच अटकी हुई है। शिकायत में तब पाया गया कि वर्ष 2017-18 से किसानों के खातों में प्रबंधक गड़बड़ी कर रहा है। इसके बाद चार साल के आंकड़ों की जांच की गई तो 341 किसानों के खातों से पैसा निकालने का मामला सामने आया है। यह रकम चार करोड़ 25 लाख रुपए है। अभी जांच जारी है। इसलिए यह आंकड़ा अभी और अधिक बढ़ सकता है।
सीए और सहकारिता विभाग के तीन इंस्पेक्टरों को नोटिस मिला था
लेकोड़ा सोसायटी की जांच के दौरान सहकारिता विभाग के तीन इंस्पेक्टरों की गड़बड़ी सामने आई है। इसमें सोसायटी के आडिट के लिए जि मेदार इंस्पेक्टर हेमलता चंदेल, एमके गुप्ता (सेवानिवृत्त) और सीए आनंद लड्ढा को सहकारिता विभाग की तरफ नोटिस दिया गया था। सभी को अपना पक्ष रखने का समय दिया गया था। सीए आनंद लड्ढा इंदौर के रहने वाले हैं और इंदौर में ही सीए का काम करते हैं।