लिखा-भाजपा के कार्यकाल में मंदिर में भ्रष्टाचार बढ़ा; विरोध में पुरोहित समिति ने दिया ज्ञापन
उज्जैन, अग्निपथ। श्री महाकालेश्वर मंदिर में मतदान के ठीक एक दिन पहले एक फर्जी पत्र के कारण हंगामा खड़ा हो गया। इस पत्र में भाजपा के शासन में महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार बढऩे और अनियमितता जैसे कई आरोप लगाये गये थे। विरोध में पुरोहित समिति ने गुरुवार रात को महाकाल थाने में एक ज्ञापन देकर फर्जी पत्र जारी करने वाले के खिलाफ कार्रवाई की मांग उठाई है।
दरअसल, विवाद गुरुवार शाम को उस वक्त प्रारंभ हुआ जब एक पत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। यह पत्र श्री महाकालेश्वर मंदिर पंडा-पुरोहित के लैटरहेड पर जारी हुआ था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम शशिकांत चौबे के नाम जारी इस पत्र में कहा गया था कि स्थानीय भाजपा नेताओं के कृपा पात्र अधिकारियों के कारण महाकाल मंदिर में भ्रष्टाचार बढ़ रहा है। व्यवस्थाएं बाधित हो रही हैं और दर्शनार्थी से सुविधा के नाम पर भारी लूट हो रही है। महाकाल लोक में मूर्तियां टूटना भी भ्रष्टाचार का कारण है। विश्व स्तरीय महाकाल लोक को देखने दूर-दूर से लोग आ रहे हैं, लेकिन यहां मूर्तियां गिरने से सरकार की काफी बदनामी हुई है।
पत्र में कहा गया है कि कॉरिडोर के आसपास भाजपा नेता जमीनें खरीद कर करोड़ों का लेनदेन कर रहे हैं और इस तरह धार्मिक स्थल पर्यटन और मौज मस्ती के साधन में बदल गया है। इससे धार्मिक आस्थाएं आहत हो रही हैं और आपका (पीएम मोदी) हस्तक्षेप आवश्यक है।
पत्र वायरल होते ही मंदिर में मचा हंगामा
यह पत्र सोशल मीडिया पर वायरल होते ही पुरोहित समिति में हंगामा मच गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर पुरोहित समिति के अध्यक्ष पं. अशोक शर्मा ने गुरुवार रात को महाकाल थाने पर जाकर एक ज्ञापन दिया और इस फर्जी पत्र को वायरल करने वाले का पता लगाने और उस पर कार्रवाई की जांच की मांग उठाई है।
पुरोहित समिति को बदनाम करने का प्रयास
पं. अशोक शर्मा ने बताया कि इस तरह का कृत्य पुरोहित समिति को बदनाम करने का प्रयास है। हमारे लेटरपेड पर कोई भी पत्र जारी नहीं हुआ है।