रुपए वसूली के लिए धमकाते थे, तीनों आरोपी गिरफ्तार, जुलूस निकाला
इंदौर, अग्निपथ। राजेंद्र नगर में तेजपुर गड़बड़ी पुलिया से युवक का अपहरण कर उसकी हत्या कर दी। पहले उसे पीटा फिर कुए में धक्का दे दिया। इससे युवक की मौत हो गई। हत्या के पीछे लेन-देन के विवाद की बात सामने आई है। हत्या को थाने के लिस्टेड गुंडे ने अपने साथियों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। पुलिस ने हत्याकांड में तीनों आरोपियों करण उर्फ छोटू और शंकर को शनिवार को ही गिरफ्तार कर लिया था। जबकि तीसरे आरोपी तिलक को रविवार को गिरफ्तार कर लिया। तीनों आरोपियों का इलाके में जुलूस निकाला।
एडिशनल डीसीपी आलोक कुमार शर्मा ने बताया कि मृतक युवक का नाम पुष्कर पिता सोमदत्त शुक्ला (18) है। उसका शव शनिवार को कुएं में तैरता मिला। पुष्कर के दोस्त प्रेम का विवाद इलाके के बदमाशों से हुआ था। इसी विवाद में तीनों बदमाशों ने शराब के नशे में बुधवार को पुष्कर का अपहरण कर लिया। उसे सुनसान जगह ले जाकर बुरी तरह से पीटा और कुएं में फेंक गए।
पुष्कर के परिजन और दोस्तों ने बताया कि पुष्कर को मंडी में अवैध रूप से वसूलीबाजी करने वाले बदमाश शंकर और छोटू उर्फ करण धमका रहे थे। कुछ दिन पहले पुष्कर के दोस्त प्रेम का बदमाशों से विवाद हुआ था। इस विवाद में पुष्कर ने बदमाशों को समझाया तो वे उस पर गुस्सा हो गए थे।
बुधवार को जब वह मंडी आ रहा था तभी उसका बदमाश शंकर, तिलक, और छोटू उर्फ करण ने अपहरण किया और उसे बुरी तरह मारपीट के बाद अधमरा कर 30 फीट गहरे कुएं में फेंककर भाग गए। यहीं उसने दम तोड़ दिया। पुलिस ने तीनों बदमाशों पर हत्या की धारा में केस दर्ज किया है। पुलिस ने दो बदमाशों तिलक और करण को गिरफ्तार कर लिया है।
पुलिस ने बताया कि पकडऩे के दौरान वे पुलिस को देखकर भाग रहे थे। इसके चलते हादसे में ऊंचाई से गिर गए। इस वजह से तीनों को पैर और हाथ में चोट आई है। पुलिस ने प्रारंभिक पूछताछ के बाद इलाके में जुलूस भी निकाला।
मृतक के परिजन का आरोप है कि घटना के तत्काल बाद ही जब ईश्वर लापता हुआ तो वे राजेंद्र नगर थाने पहुंच गए थे। गुंडे शंकर व उसके साथियों द्वारा उसे धमकाकर ले जाने की बात भी पुलिस को बता दी थी। लेकिन थाने वालों ने लापता होने के बाद कोई सक्रियता नहीं दिखाई।
चुनावी ड्यूटी के चक्कर में पुलिस वालों ने गंभीरता से नहीं लिया। इसलिए बस्ती के लोगों ने मतदान न कर विरोध भी जताया था। लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ा। यदि पुलिस बदमाशों को सूचना पर तत्काल दबोच लेती तो शायद उसकी जान बचाई जा सकती थी।