इंदौर में जिसने शिकायत की, वो भी निकला डिफॉल्टर
उज्जैन, अग्निपथ। उज्जैन में आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (ईओडब्ल्यू) ने 200 करोड़ रुपए के घोटाले में अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी और 36 फर्जी फर्मों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। दो साल पुराने इस मामले में बुधवार को 80 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
ईओडब्ल्यू के मुताबिक, अग्रवाल सोया ने करीब 10 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी समेत कुल 1.98 अरब रुपए के घोटाले को अंजाम दिया। शासन को नुकसान पहुंचाने के मामले में गबन, धोखाधड़ी की धाराओं में केस दर्ज किया गया है। बड़ी बात यह है कि ईओडब्ल्यू ने शिकायत करने वाले इंदौर के बिजनेसमैन को भी आरोपी बनाया है।
ईओडब्ल्यू निरीक्षक अनिल शुक्ला ने बताया कि 2019 में सीजीएसटी (सेंट्रल गुड्स एंड सर्विस टैक्स) को अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी (धामनिया, नीमच) के खिलाफ टैक्स चोरी की शिकायत मिली थी। सीजीएसटी टीम इसकी जांच कर ही रही थी कि इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी ने ईओडब्ल्यू को शिकायत में बताया कि अग्रवाल सोया के साथ दूसरी और भी फर्जी कंपनियों ने करोड़ों रुपए की हेराफेरी की है।
जांच में पता चला कि अग्रवाल सोया कंपनी के मालिक गोपाल सिंघल, दीपक सिंघल सहित 80 लोगों ने धोखाधड़ी के लिए 36 फर्जी कंपनियां बना रखी हैं। इन कंपनियों ने खली और तेल के व्यापार की आड़ में अब तक 2 अरब रुपए का घोटाला किया है।
फर्जी इनवॉइस-बिल्टी तैयार किए, खरीद-फरोख्त दिखाई
अग्रवाल सोया एक्स्ट्रैक्ट प्राइवेट लिमिटेड कंपनी ने 2017 से 2022 के बीच 36 बोगस फर्म और इनके मालिकों के साथ मिलकर कूटरचित इनवॉइस बिल, बिल्टी तैयार किए। सोयाबीन डीओसी (डी-ऑइल केक) की फर्जी खरीद-फरोख्त दिखाई। गोपाल सिंघल, शालिनी सिंघल, दीपक सिंघल, नवनीत गर्ग ने अपनी कंपनी अग्रवाल सोया के मालिक के रूप में फर्जी ट्रांसपोर्ट कंपनी- नारायण फ्रैट कैरियर (आदर्श नगर, इंदौर) सहित दूसरी बोगस फर्म के बिल लगाकर 2 अरब रुपए का फर्जीवाड़ा कर 10 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी भी की।
कार्रवाई से बचने शिकायत की, जांच में खुद भी पकड़ा गया
ईओडब्ल्यू के निरीक्षक अनिल शुक्ला ने बताया कि आरोपियों ने फर्जी कंपनियां बनाने के लिए जिन्हें डायरेक्टर बताया, रिकॉर्ड में उनके नाम भी नकली हैं। मामले की शिकायत करने वाला इंदौर की कपिल ट्रेडिंग कंपनी का मालिक कपिल भी डिफॉल्टरों में शामिल निकला। कपिल की कंपनी भी फर्जी कंपनियों में शामिल है। उसने कार्रवाई से बचने के लिए शिकायत की थी। हालांकि, जांच में उसका झूठ पकड़ा गया।