उज्जैन, अग्निपथ। महिदपुर रोड के किशनखेड़ी गांव निवासी डेढ़ महीने के बच्चे को निमोनिया होने पर गर्म सरिए से दागा गया। सांस लेने में तकलीफ होने पर उसे अस्पताल लाया गया। अब मामले को लेकर सीएमएचओ कार्रवाई करने की बात कर रहे हैं। वहीं चरक अस्पताल की आरएमओ ने भी इसको अंधविश्वास से भरा हुआ मामला बताते हुए पूरे गांव का सर्वे कराने की बात कही है।
उज्जैन जिले के महिदपुर तहसील के किशनखेड़ी में रहने वाले सोनू और मधु बेटे अजीत को गंभीर हालत में चरक अस्पताल लेकर आए थे। उसे बुखार के साथ सर्दी-खांसी भी है। दंपती ने बताया कि बच्चे को जन्म से ही निमोनिया है। कई जगह इलाज कराया, ठीक नहीं हुआ। बच्चे को चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वह डॉक्टरों की टीम की निगरानी में है।
गुरुवार को भी बच्चा ऑक्सीजन सपोर्ट पर है। वह मां का दूध भी नहीं पी पा रहा है। उसे इंफेक्शन का खतरा भी बना हुआ है। वहीं मामले में परिवार टोने-टोटके से मना कर रहा है। उनका दावा है कि बच्चा दूसरे बच्चे की गलती से जल गया। जबकि पीआईसी के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चे के शरीर पर निशान को देखकर लग रहा है कि उसे गर्म सरिए से दागा गया है।
बच्चे की मां ने कहा- जलती लकड़ी से जला
मामले में कोतवाली पुलिस ने मां बाप के बयान लिये हैं। एसआई सलमान कुरैशी ने बताया कि बयान में उसकी मां मधु ने बताया कि वह चूल्हे पर खाना बना रही थी। इस दौरान बच्चा पास ही में लेटा हुआ था। उसके जेठ का 4 साल का बच्चा खेलते हुए आया और चूल्हे से जलती हुई लकड़ी निकाल ली। जिसके चलते बच्चा जल गया। वहीं उसके दादा बहादुर ने बताया कि छोटे बच्चे ने गलती कर दी। मैं किसी अंधविश्वास में नहीं पड़ता, लेकिन आप जो बोल रहे हैं, सही है, अब हम क्या बोलें। अब कोतवाली पुलिस मामले को महिदपुर रोड पुलिस को ट्रांसफर करेगी।
डॉक्टरों का कहना- बच्चा ऐसा नहीं कर सकता
चरक अस्पताल के डॉक्टरों का कहना है कि बच्चा 1 महीने 10 दिन का है। उसके सीने पर क्रॉस का निशान है। शायद बच्चे के पेरेंट्स डर गए हैं कि उन्होंने गुनाह तो किया है, इसीलिए बता रहे हैं कि एक 4 साल के बच्चे ने जला दिया। जबकि, इतना क्लियर मार्क 4 साल के बच्चे से देना संभव नहीं है। कहीं न कहीं जन जागरुकता की कमी है।
सीएमएचओ ने कहा- बीएमओ से कराएंगे जांच
सीएमएचओ डॉ. दीपक पिप्पल से बात की गई तो उनका कहना है कि मैं फिलहाल सरकारी काम से जबलपुर आया हुआ हूं। इस मामले में महिदपुर रोड ब्लॉक के बीएमओ डॉ. मनीष उथरा से जांच कराई जायेगी। मामला गलत निकलता है तो फिर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराएंगे। वहीं चरक अस्पताल की आरएमओ डॉ. निधि जैन का कहना है कि अब इस तरह के मामले की तह तक पहुंचा जायेगा। इस एरिये की जांच कराई जायेगी। एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं को भी सक्रिय कर गांव के लोगों को समझाइश दी जायेगी। आज भी लोगों में अंधविश्वास फैला हुआ है। इतना बड़ा अस्पताल होते हुए बच्चे को सरिये से दागा गया है।