निगम ने आनलाइन मेला आवेदन की विज्ञप्ति निकाली, झूला व्यापारी बोले विरोध करेंगे

मोदी के लोकल फॉर वोकल अभियान को उज्जैन के निगम अफसर लगा रहे चूना

उज्जैन, अग्निपथ। देश में जहां एक तरफ लोकल फार वोकल अभियान चलाकर स्थानीय व्यापारियों को लाभ दिलाने का सरकार प्रयास कर रही है। वहीं इसके उलट नगर निगम स्थानीय झूला व्यापारियों को नुकसान पहुंचाने पर आमदा है। कलेक्टर से लेकर पार्षद तक हम अपनी बात कह चुके हैं। परन्तु कोई ध्यान नहीं दे रहा है।

आचार संहिता की आड़ में निगम के अफसर मनमानी पर उतर आए हैं। यह कहना है उज्जैन के झूला व्यापारियों का। झूला व्यापारी एसोसिएशन के अध्यक्ष अब्दुल अजीज जैदी का कहना है कि उज्जैन के कार्तिक मेला में 22 स्थानीय व्यापारी सालों से झूला लगाते चले आ रहे हैं। पिछले साल नगर निगम ने 10-10 की रसीदें जमा करवाकर रिकॉर्ड तलब किया था। परन्तु इस बार फिर से आनलाइन के माध्यम से आवेदन करके नुकसान पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है।

जैदी का कहना है कि आनलाइन में कौन -कौन आवेदन करता और दूसरे शहर में बैठकर भी लोग आवेदन कर देंगे तो उन्हें पता नहीं चलेगा और उज्जैन के व्यापारी को नुकसान हो जाएगा। हम निगम को 10 प्रतिशत ज्यादा राशि देकर आवेदन लेने का आग्रह कर रहे हैं। अपर आयुक्त से भी मिल चुके हैं परन्तु वे सुनवाई नहीं कर रहे हैं।

ऐसे बढ़ेगा भ्रष्टाचार

बाहर से आए व्यापारियों का कहना है कि वे एक सप्ताह से ज्यादा समय से सामान लेकर उज्जैन आ गए हैं। अगर आनलाइन में उनको झूला लगाने की परमिशन नहीं मिली तो उन्हें जिसे परमिशन मिली है उससे ब्लैक में ज्यादा पैसे देकर जगह खरीदनी पड़ेगी। इससे भ्रष्टाचार बढ़ेगा।

कई नेता बन गए हैं झूला व्यापारी

बताया जाता है कि आनलाइन व्यवस्था के खेल में कई नेता और उनके साथी भी झूला व्यापारी बन गए हैं और वे झूले के लिए आवेदन करके ज्यादा राशि भर देते हैं। इससे जो वास्तविक व्यापारी होते हैं उन्हें परमिशन नहीं मिल पाती और वे ब्लाक नहीं मिलने पर इन लोगों से ज्यादा राशि में जगह खरीदकर झूला लगाते हैं।

पिछले साल एक भी झूला नहीं लगा पाया, अब मरने के अलावा विकल्प नहीं

झूला व्यापारी अशोक माहेश्वरी का कहना है कि पिछले साल आनलाइन के विवाद के बाद उन्होंने आनलाइन आवेदन किया था परन्तु उन्हें परमिशन लेट मिली। इस वजह से साढ़े तीन लाख रुपए भरने के बाद भी वे एक भी झूला नहीं लगा पाए थे। आज तक वे उस उधार लिए पैसे का ब्याज भर रहे हैं। इस बार फिर से आनलाइन की बात कही जा रही है। इसलिए अगर इस बार उनकी सुनवाई नहीं हुई और पिछली बार के पैसे भरने की भरपाई के लिए झूला लगाने का स्थान नहीं मिला तो उनके सामने मरने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाएगा। वे वैसे ही हार्ट के पैसेंट हैं।

Next Post

परीक्षा परिणाम सुधारने के लिए शिक्षा विभाग सक्रिय

Thu Nov 23 , 2023
जिला शिक्षा अधिकारी ने प्राचार्यों की बैठक लेकर दिये जरूरी निर्देश, अनुपस्थित 9 प्राचार्य को नोटिस उज्जैन, अग्निपथ। जिले का परीक्षा परिणाम सर्वश्रेष्ठ लाने के लिए शिक्षा विभाग द्वारा अभी से तैयारी शुरू कर दी गई है। जिला शिक्षा अधिकारी आनंद शर्मा द्वारा प्रश्न बैंक एवं मॉडल प्रश्न पत्र की […]